आदर्श नगर पंचायत के रूप में विकसित होगा अजुहा
नगर पंचायत अजुहा को सरकार ने आदर्श नगर पंचायत के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय आदर्श पंचायत योजना के तहत इस नगर पंचायत में विकास कार्य कराया जाएगा। इसके लिए सरकार तीन करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट देगी। धन अवमुक्त होने के बाद विकास कार्य कराया जाएगा। इसके बाद कस्बे वासियों को हर वाजिब सुविधा मिलेगी। नगर पंचायत को हर प्रकार की सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
कौशांबी : नगर पंचायत अजुहा को सरकार ने आदर्श नगर पंचायत के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय आदर्श पंचायत योजना के तहत इस नगर पंचायत में विकास कार्य कराया जाएगा। इसके लिए सरकार तीन करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट देगी। धन अवमुक्त होने के बाद विकास कार्य कराया जाएगा। इसके बाद कस्बे वासियों को हर वाजिब सुविधा मिलेगी। नगर पंचायत को हर प्रकार की सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
सरकार ने हर जनपद की पिछड़ी हुई नगर पंचायतों को विकसित करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सिराथू तहसील क्षेत्र की नगर पंचायत अजुहा को विकसित करने का फैसला लिया है। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद शासन की ओर से जिला प्रशासन व नगर पंचायत अजुहा के ईओ के पास पत्र भी भेजा जा चुका है। अधिशासी अधिकारी सूर्य प्रकाश ने बताया कि चार माह पूर्व प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था। उसी के आधार पर कस्बे को विकसित करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के तहत वर्ष 2021-22 में तीन करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इसके बाद कस्बे में पेयजल की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन, आंतरिक गलियां, नाली सड़कों की मरम्मत, सीसी रोड, जल निकासी, इंटरलॉकिग, फुटपाथ का निर्माण आदि कार्य कराया जाएगा। इसके लिए जल्द ही डीपीआर तैयार किया जाएगा। शिक्षामित्रों को दो माह से नहीं मिला मानदेय
जासं, कौशांबी : परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों को करीब दो माह से मानदेय नहीं मिला। जबकि मानदेय के लिए वह लगातार अधिकारियों से मांग कर रहे हैं। शासन ने भी माह के पहले सप्ताह में मानदेय दिए जाने का निर्देश दिया है। शिक्षामित्रों ने मानदेय भुगतान के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देकर जल्द मानदेय दिए जाने की मांग की है।
जिले के परिषदीय विद्यालयों में करीब 150 शिक्षामित्र तैनात है। सर्व शिक्षा अभियान व राज्य परियोजना से इनकी तैनाती है। शिक्षामित्रों को नवंबर माह से मानदेय नहीं मिला है। 10 हजार के मानदेय पर उनका परिवार चलाना कठिन है। दो माह से मानदेय न मिलने से शिक्षामित्रों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। शिक्षामित्रों को समय से मानदेय मिले। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने पूर्व में ही माह के पहले सप्ताह में मानदेय दिए जाने का निर्देश दिया है। इसके बाद भी दो माह से मानदेय न मिलने से शिक्षामित्र परेशान हैं। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद भी शिक्षामित्रों को समय से मानदेय नहीं मिलता है। नवंबर माह से लगातार शिक्षामित्र मानदेय का इन्तजार कर रहे हैं। इसके लिए वह बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी दे चुके हैं। इसके बाद भी अब तक मानदेय नहीं मिला। अब शिक्षामित्र विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं।
वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि बजट न होने के कारण शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं मिल पाया है। इस संबंध में बजट के लिए पत्र भेजा गया है।