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नगर पालिका से अक्सर गायब रहते हैं ईओ

संसू, भरवारी : प्रदेश सरकार ने करीब साल भर पहले भरवारी नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा दे दिया है। लेकिन यहां रहने वाले लोगों को नगर पालिका की सुविधाएं नहीं मिल रही है। दरअसल यहां के अधिकारी अक्सर गायब रहते हैं। शुक्रवार को जागरण की ओर से दफ्तर चेक अभियान चलाया। नगर पालिका पहुंची टीम ने पाया कि दोपहर 12 बजे तक ईओ अपने कार्यालय नहीं पहुंचे। ऐसे में सरकार की योजनाओं जन-जन तक नहीं पहुंच रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 09:57 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 10:57 PM (IST)
नगर पालिका से अक्सर गायब रहते हैं ईओ
नगर पालिका से अक्सर गायब रहते हैं ईओ

संसू, भरवारी : प्रदेश सरकार ने करीब साल भर पहले भरवारी नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा दे दिया है। लेकिन यहां रहने वाले लोगों को नगर पालिका की सुविधाएं नहीं मिल रही है। दरअसल यहां के अधिकारी अक्सर गायब रहते हैं। शुक्रवार को जागरण की ओर से दफ्तर चेक अभियान चलाया। नगर पालिका पहुंची टीम ने पाया कि दोपहर 12 बजे तक ईओ अपने कार्यालय नहीं पहुंचे। ऐसे में सरकार की योजनाओं जन-जन तक नहीं पहुंच रही है।

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भरवारी को नगर पालिका का दर्जा मिले करीब एक साल हो गए। नगर पालिका का दर्ज देने के लिए 28 गांव को जोड़ लिया, लेकिन आज भी स्थित उसी प्रकार है। लोग लगातार नगर पालिका के अधिकारियों से सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। लेकिन यहां के अधिकारी लापरवाह हैं। शुक्रवार को जागरण टीम 11:50 बजे नगर पालिका परिषद कार्यालय पहुंची। लेकिन अधिशासी अधिकारी गिरीश चंद्र अपने कार्यालय नहीं आए थे। कुछ लोग जरूर उनके इंतजार में वहां आए थे, लेकिन उनके न आने की जानकारी के कारण वह भी वहां से चले गए। लिपिक बबलू गौतम, जावेद, रजनी सरोज, शबाना सिद्दीकी, नूपुर अरोड़ा, राकेश सरोज अपने पटल पर मौजूद थे। संविदाकर्मी ज्योति, माया देवी, कृष्ण कुमार, राम आसरे, आशीष कुमार, कृष्ण चंद्र, सुरेन्द्र कुमार, शशी विद्यार्थी भी अपने काम में लगे थे। कर्मचारियों की माने तो जिन गांव को नगर पालिका में जोड़ा गया है। वहां सफाई की व्यवस्था अब तक सही नहीं हो सकी है। लेखा लिपिक बबलू गौतम ने बताया कि कुछ गांव में टोली बनाकर सफाई कार्य कराया गया है। अन्य गांव में सफाई को लेकर योजना बनाई जा रही है। जलकल का कार्य देख रहे कृष्ण कुमार ने बताया कि मार्च 2018 तक जलकल व गृहकर का करीब 60 लाख रुपये बकाया है। इसका भुगतान अब तक नहीं हो सका। इसकी वसूली को लेकर लोगों के बीच जाकर प्रयास किया जा रहा है। नगर पालिका क्षेत्र में 1061 स्ट्रीट लाइट है। सभी को बिजली न होने पर जनरेटर से चलाया जाता था। दो साल से यह योजना भी बंद है। ¨सघिया क्षेत्र की केबल खराब होने के कारण वहां तो लाइट रहने पर भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती। अधिशासी अधिकारी गिरीश चंद्र ने बताया कि वह सुबह से ही बालक मऊ व कस्बे के लोगों की शिकायत पर वार्ड तीन में बन रहे नाले की जांच करने गए थे। इसलिए दफ्तर पहुंचने में देरी हो गई।


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