तपिश बढ़ते ही 3000 हैडपंपों ने दिया दगा
कौशांबी : जिले में जल निगम की ओर से 26670 हैंडपंप लगाए गए हैं।
कौशांबी : जिले में जल निगम की ओर से 26670 हैंडपंप लगाए गए हैं। इन हैंडपंपों में से तीन हजार हैंडपंप ने जवाब दे दिया है। गर्मी के दिनों में जल संकट और गहराएगा। इस समस्या से बचने के लिए 1868.96 लाख रुपये की जरूरत बताई है। विभाग की ओर से साफ कहा गया है कि धन के अभाव में पानी की समस्या से निपट पाना संभव नहीं होगा।
जिले के ग्रामीण अंचलों मे पेयजल उपलब्ध कराने का मुख्य स्रोत हैंडपंप और ओवरहेड टैंक से वाटर सप्लाई है। जिले में 30 पेयजल योजनाएं संचालित हैं। इन योजनाओं के तहत 43 नलकूप, 29 ओवरहेड टैंक, 447 किमी की पाइप लाइन से 501 बस्तियों को पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। जिसकी देखरेख जल निगम कर रहा। रख रखाव के लिए पर्याप्त धन न मिलने के कारण इनकी क्षमता प्रभावित हो रही है। पाइप लाइन में टूट फूट होने व पाइपों के चोक होने से जलापूर्ति भी बाधित हो रही है। ऐसे में हैंडपंप ही पेयजल मुहैया कराने के लिए एक मात्र साधन बचा है।क्या कह रहे हैं विभागीय आंकडे़
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 26670 हैंडपंप लगे हैं जिनमें से तीन हजार ने अभी से पानी देना बंद कर दिया है। गर्मी के दिनों में पेयजल संकट न खड़ा हो। इसके लिए इन हैंडपंपों को तत्काल रिबोर की जरूरत है। इसके साथ ही विभाग की ओर से 200 अतिरिक्त हैंडपंप लगाए जाने का भी प्रस्ताव दिया है। इसके लिए जल निगम से 1868.96 लाख रुपये मांगे हैं।
सात मीटर नीचे गया जल स्तर
भू-गर्भ जल का लगातार दोहन लगातार होने व इसके सापेक्ष जल संचय न होने के कारण पूरे जिले में पानी का संकट खड़ा हो चुका है। सब से अधिक जल संकट नगर पंचायत क्षेत्रों के चायल व सिराथू में है। विभागीय आंकड़ों की माने तो दोनों नगर पंचायत में पानी तीन से सात मीटर नीचे चला गया है। वाटर लेवल नीचे जाने से हैंडपंप ठप हो गए है।
पेयजल संकट से निपटने को हैंडपंप का इंतजाम
ब्लाक रीबोर होंगे लागत नए लगेंगे लागत
चायल 350 193.90 20 13.46
नेवादा 350 193.90 20 13.46
मंझनपुर 350 193.90 20 13.46
सरसवां 350 160.30 20 11.02
कौशांबी 350 127.75 20 08.58
मूरतगंज 350 193.90 20 13.46
कड़ा 400 221.60 40 26.92
सिराथू 400 221.60 40 26.92
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