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रोजगार के नाम पर 15879 ने उठाया था फावड़ा

लॉकडाउन के दौरान हुई बंदी में अपना कारोबार छोड़कर घर लौटे लोगों को हुनर के आधार पर काम देने के लिए सरकार ने विशेष अभियान चलाया था। इस दौरान प्रवासी श्रमिकों से उनके काम के संबंध में जानकारी लेकर उनको रोजगार देने का काम किया गया। जिले में 16 हजार 117 लोगों को विभिन्न विभागों में काम दिया गया। सबसे अधिक रोजगार के अवसर ग्राम विकास विभाग ने दिया। रोजगार पाने वाले 15879 ने फावड़ा चलाकर अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींची थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 10:47 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:47 PM (IST)
रोजगार के नाम पर 15879 ने उठाया था फावड़ा
रोजगार के नाम पर 15879 ने उठाया था फावड़ा

कौशांबी : लॉकडाउन के दौरान हुई बंदी में अपना कारोबार छोड़कर घर लौटे लोगों को हुनर के आधार पर काम देने के लिए सरकार ने विशेष अभियान चलाया था। इस दौरान प्रवासी श्रमिकों से उनके काम के संबंध में जानकारी लेकर उनको रोजगार देने का काम किया गया। जिले में 16 हजार 117 लोगों को विभिन्न विभागों में काम दिया गया। सबसे अधिक रोजगार के अवसर ग्राम विकास विभाग ने दिया। रोजगार पाने वाले 15879 ने फावड़ा चलाकर अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींची थी।

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कोरोना संक्रमण व उसके बाद लगा लॉकडाउन किसी के जेहन से उतर नहीं रहा। जिन लोगों ने इस दौरान सफर किया था वह शायद ही इस संक्रमण के बाद उपजी समस्या को भूल सके। सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किया गया कि लोगों की मदद हो सके, लेकिन समस्या ही कुछ ऐसी थी कि सरकार भी उतनी मदद नहीं कर पा रही थी। पैदल व निजी वाहन से छिप छिपाकर किसी तरह लोग अपने घर लौटे तो उनके सामने जांच और सीधे घर न जाने की समस्या थी। सरकार ने हर गांव में प्राथमिक विद्यालय में प्रवासियों को रोक दिया। सभी को 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया गया। अब सबसे बड़ी समस्या थी इतनी बड़ी संख्या में बाहर से आए लोगों को रोजगार देने की। सरकार ने सेवामित्र पोर्टल पर बाहर से आए लोगों का रजिस्ट्रेशन किया। उनके जिन कामों को वह कर सकते थे उसके बारे में जानकारी मांगी। करीब 37 हजार लोगों ने अपने हुनर से जुड़ी जानकारी दी। सरकार के पास उनके हुनर के अनुसार काम नहीं था। ऐसे में रोजगार के लिए 15879 लोगों ने फावड़ा पकड़ लिया। उन्होंने मनरेगा योजना के तहत तालाब, नाली-नाले आदि की खोदाई का काम किया। ग्राम्य विकास समेत अन्य विभागों ने भी रोजगार दिया। सबसे बड़ी संख्या में ग्राम्य विकास विभाग ने ही लोगों को रोजगार दिया। रोजगार देने के मामले में सबसे फिसड्डी लघु उद्योग निर्यात प्रोत्साहन व लोक निर्माण विभाग रहा। इन दोनों विभागों ने सिर्फ एक-एक व्यक्ति को ही रोजगार दिया।

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किन विभागों ने कितनों को दिया रोजगार

विभाग रोजगार पाने वालों की संख्या

ग्राम्य विकास विभाग 15879

ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग 02

मत्स्य विभाग 08

लघु उद्योग निर्यात प्रोत्साहन विभाग 01

लोक निर्माण विभाग 01

वन विभाग 88

व्यवसायिक शिक्षा 89

सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम 19

समाज कल्याण विभाग 10

सेवा योजन विभाग 20


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