चुनाव के लिए 1500 वाहन अधिग्रहित, भेजा नोटिस
कौशांबी आचार संहिता लागू होने के बाद जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कर
कौशांबी : आचार संहिता लागू होने के बाद जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा। पोलिग पार्टियों को बूथों तक पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग वाहनों को अधिग्रहित कर रहा है। एआरटीओ द्वारा भेजी गई नोटिस में ये भी स्पष्ट किया गया है कि 25 अप्रैल तक वाहनों को ओसा मंडी में चालक के साथ भेज दे। ऐसा न करने पर संबंधित वाहन स्वामियों पर विधिक कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
जनपद में 29 अप्रैल को चार पदों के लिए मतदान कराया जाएगा। इसके लिए 1735 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। पोलिग पार्टियों को मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए शासन ने एआरटीओ शंकर जी सिंह व पुलिस विभाग के अधिकारियों को वाहनों को सुरक्षित करने का निर्देश दिया है। एआरटीओ ने बताया कि सभी विकास खंडों में चुनाव एक साथ। ऐसे में पोलिग पार्टियों को बूथों तक भेजने के लिए काफी वाहनों की आवश्यकता होगी। 1500 वाहन स्वामियों को नोटिस भेजी गई है। कहा कि जिन वाहन स्वामियों को नोटिस दी गई है। वह 25 अप्रैल तक अपने वाहन ओसा मंडी में भेज दें। वाहन न भेजने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को एआरटीओ समेत अन्य अधिकारियों ने नवीन मंडी ओसा का औचक निरीक्षण किया। बंद हुए स्कूल, चुनाव प्रचार में कूदे बच्चे : कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए एक से आठ तक के सभी विद्यालय बंद कर दिए गए है। ऐसे में बच्चों को दावेदारों ने अपने प्रचार-प्रसार का जरिया बना लिया है। चंद रुपयों का लालच देकर दावेदार उनसे पोस्टर लगवा रहे है। ऐसा ही नजारा गुरुवार को कसेंदा गांव में भी देखने को मिला। इस गांव में नौनिहाल घरों की दीवार पर पोस्टर लगाते दिखाई दिए। यही हाल आसपास के सभी गांवों का है।
पंचायत चुनाव के प्रथम चरण की वोटिंग और दूसरे चरण के नामांकन की तारीख नजदीक आ चुके हैं। इसे लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में उम्मीदवारों ने अपने प्रचार-प्रसार में तेजी लानी शुरू कर दिया है। इसके लिए उम्मीदवारों के समर्थकों ने दीवारों पर पोस्टर लगवाना शुरू कर दिया है। इस कार्य के लिए छोटे बच्चों का भी सहारा खूब प्रचलित हो रहा है। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए एक से आठ तक के सभी स्कूलों को बंद किया जा चुका है। इससे बच्चों का पाठ-पाठन बंद होने से बच्चे गांवों में खेलते नजर आ रहे हैं। चुनाव का प्रचार-प्रसार भी बच्चों को खूब भा रहा है। इसके चलते उम्मीदवारों के जरा सा इशारे पर काफी संख्या में बच्चे मिल जाते हैं। और पोस्टर चिपकाने का काम भी बड़ी शौक से कर रहे हैं। चायल क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में इन दिनों ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है।