कई गांवों में घुसा पानी, आवागमन के लिए लगाई नाव
फोटो नंबर .. हैडर जागरण लाइव -गंगा पार के गांवों में पानी बना समस्या एडीएम ने किया भ्रमण -कई सड़कें पानी में डूबी फसल भी हुई नष्ट ग्रामीण हैं परेशान
कासगंज, जागरण संवाददाता। गंगा का जल स्तर शनिवार की तुलना में भरे 20 सेमी गिर गया हो, लेकिन जिले के कई गांवों में गंगा का जल मुसीबत बनता जा रहा है। गंगा पार के कई गांवों में भी पानी घुस गया है। कुछ गांवों में जाने का रास्ता पानी में डूब गया है। कई फुट तक पानी भर जाने के कारण ग्रामीणों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। गंगा पार के इलाकों में दैनिक जागरण ने मंगलवार को हालातों का जायजा लिया।
जिजौल, पनसौती, बझेरा का संपर्क टूटा, चलाई नाव
गंगा पार के नगला जगमोहन से आगे संपर्क मार्ग पर गंगा का पानी कई फुट बढ़ गया है। हाईवे से नगला जगमोहन की तरफ बढ़ते ही सड़क पर पानी भरा दिखाई देता है। कुछ दूर चलने पर मार्ग भी बह गया है। जिजौल, बझेरा एवं पनसौती सहित कई गांवों तक जाने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने यहां पर दो नाव लगाई है।
आधा दर्जन गांवों में हालात हैं खराब :
जिजौल, नगला पनसौती के साथ में बझेरा, नगला मुल्ता सहित आधा दर्जन गांव में पानी भरा हुआ है। जिजौल तक तो मंगलवार को प्रशासन की टीम भी नहीं पहुंच पाई। एडीएम एके श्रीवास्तव ने नाव से जाने का प्रयास किया, लेकिन पनसौती से पहले ही नाव को वापस लौटना पड़ा। इन गांवों में कई घरों में पानी भर जाने के कारण लोग छतों पर या ऊपरी मंजिल पर रहने के लिए विवश हैं एवं गांव में बने हुए टीलों पर रह रहे हैं।
हजारों बीघा फसल हुई जलमग्न
गंगा पार एवं गंगा तटवर्ती इलाकों में किसानों की हजारों बीघा फसल भी पानी में डूबी हुई है। किसी की अरबी की फसल खराब हो रही है। सबसे ज्यादा गन्ना की फसल इससे प्रभावित हुई है। वहीं धान के साथ में मक्का में भी पानी भरा है। सब्जी एवं मक्का की फसल इस पानी से पूरी तरह बर्बाद होने की आशंका जताई जा रही है।
एडीएम को सुनाया ग्रामीणों ने दर्द
एडीएम एके श्रीवास्तव ने नाव से कई गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने पशुओं का टीकाकरण न होने की समस्या रखी। इस पर एडीएम ने मौके पर ही पशु चिकित्सा विभाग को टीम बनाकर शत प्रतिशत टीकाकरण के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों की अन्य समस्याएं भी पूछी। हालांकि किसी किसान ने खाने-पीने की समस्या नहीं बताई। इसके बाद भी एडीएम ने अधिकारियों से कहा कि स्वयंसेवियों के माध्यम से इनके खान-पान की व्यवस्था कराएं। वहीं उन्होंने कहा कि गांव में विशेष नजर रखी जाए।