इलाज नहीं रेफर किए जाते हैं यहां से मरीज
जागरण संवाददाता, कासगंज: कासगंज को जिला सृजित हुए एक दशक पूरा हो चुका, लेकिन यहां की
जागरण संवाददाता, कासगंज: कासगंज को जिला सृजित हुए एक दशक पूरा हो चुका, लेकिन यहां की चिकित्सा सुविधाओं पर दृष्टिपात किया जाए तो शून्य नजर आता है। जिला चिकित्सालय के भव्य भवन में आधुनिक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। इसे रेफर केंद्र कहा जाए तो अतिशियोक्ति नहीं है। बड़े हादसों के समय यहां चिकित्सकों के हाथ पैर फूल जाते हैं। अधिकांशत: मरीज रेफर कर उपचार की इतिश्री की जाती है। यही हाल निजी चिकित्सालयों का भी है। अल्ट्रासांउड, एक्सरे और सीटीस्कैन की सुविधाएं तो हैं, लेकिन एमआरआइ जैसे सुविधा जिले में नहीं है। यदि रक्त जांच की बात कहें तो कोई बड़ी लैब नहीं है। सैंपिलों को लेकर जांच के लिए बाहर भेजा जाता है। शहर में ब्लड बैंक की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है। हार्ट, ब्रैनहेमरेज, कैंसर जैसी स्थिति में तो शहर से बाहर ही जाना पड़ता है। इसके प्राथमिकी उपचार भी यहां नहीं है। आगरा, अलीगढ़, दिल्ली और बरेली की ओर लोग दौड़ लगाते है और ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सा सुविधा न मिलने से लोग काल के गाल में समा जाते है। उस समय यहां की चिकित्सा व्यवस्थाओं पर लोग तीखा टिप्पणी करते नजर आते हैं।
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चिकित्सा सुविधा न होने से सबसे अधिक प्रभावित गरीब होता है। उसे पैसों के अभाव में इलाज नहीं मिल पाता है और बड़े शहरों का खर्चा वह वहन नहीं कर सकता। गरीबों रोगियों की मौतों होती है। लोकेश पचौरी,
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एटा और कासगंज के बीच मेडीकल कॉलेज की मंजूरी मिल चुकी है। इसके चालू होने से राहत मिलेगी। फिलहाल जिले में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। मनोज शर्मा
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उपलब्ध सुविधाओं और व्यवस्थाओं अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है समय-समय पर और सुविधाओं के लिए शासन से पत्राचार किया जाता है। जिले में चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाए जाने के लिए शासन को लिखा गया है। नए चिकित्सक मिलने से लाभ मिलेगा। डा. प्रतिभा श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी