हर मजदूर के हाथ में टिकट, मजदूरी से काटे रुपये
जागरण संवाददाता कासगंज मजदूरों से किराए पर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी भी किराया देने की
जागरण संवाददाता, कासगंज : मजदूरों से किराए पर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी भी किराया देने की पेशकश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लाइक एवं कमेंट की बाढ़ आई हुई है, तो दूसरी तरफ मजदूर किराया देकर घर वापसी के लिए मजबूर हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि मजदूरी पर मचे सियासी घमासान के बाद में अब कई मजदूर सीधे टिकट नहीं खरीद रहे। इनके मालिकों ने ही टिकट बुक कराई तथा किराया मजदूरों की पगार में से काट लिया।
कासगंज स्टेशन पर सुबह छह बजे पहुंची स्पेशल ट्रेन से उतरे 1209 मजदूरों में से हरेक के हाथ में टिकट दिखाई दी। जागरण की टीम ने जब मजदूरों से पूछताछ की तो हरेक का एक ही जवाब था कि टिकट के लिए पैसे लगे हैं। सेठों ने यहां भी खेल कर डाला। 495 रुपये की टिकट के किसी सेठ ने मजदूरों की पगार में से सात सौ रुपये काटे तो किसी ने 500 से 600 तक। शाहजहांपुर के अनिल कहते हैं हमसे सात सौ रुपये लिए। बोले कि घर तक का किराया इसमें शामिल है स्टेशन पर पहुंचे तो नाम के आधार पर 495 का टिकट मिला। वहीं झांसी के अनिल ने भी बताया कि उससे सात सौ रुपये लिए। मथुरा के रामवीर से भी 700 रुपये लिए। दो वर्ष से ऊपर के बच्चों की आधी टिकट :
कुछ मजदूरों का कहना था कि हमारे दो वर्ष से ऊपर के बच्चे की भी आधी टिकट के पैसे सेठ ने लिए हैं। हालांकि ट्रेन में खाने-पीने की व्यवस्थाओं से मजदूर संतुष्ट नजर आए। घर पहुंचने की खुशी में वह किराये पर खर्च रुपये भी भूल गए।
--------
'हमसे टिकट के 500 रुपये लिए गए हैं। हमने खुद ही स्टेशन पर जाकर टिकट खरीदी। रास्ते में खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं हुई।'
-राजकुमार
आगरा 'हमे मथुरा जाना है। हमसे टिकट के लिए 700 रुपये लिए गए। मालिक ने कहा था कि कहा गया था कि इतने रुपये में घर तक पहुंचाएंगे।'
-दामोदर
अहमदाबाद