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महाराष्ट्र से पशु कारोबारी न आने से मेला की रंगत फीकी

सोरों संवाद सूत्र मार्गशीर्ष मेले के शिवराज पशु मेले में पशु व्यापारियों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन महाराष्ट्र से पशु कारोबारियों के न पहुंचने से मेले की रंगत फीकी नजर आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 05:07 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 05:07 AM (IST)
महाराष्ट्र से पशु कारोबारी न आने से मेला की रंगत फीकी
महाराष्ट्र से पशु कारोबारी न आने से मेला की रंगत फीकी

सोरों, संवाद सूत्र : मार्गशीर्ष मेले के शिवराज पशु मेले में पशु व्यापारियों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन महाराष्ट्र से पशु कारोबारियों के न पहुंचने से मेले की रंगत फीकी नजर आ रही है। पशुओं को लेकर मेले में पहुंचे पशु व्यापारी इस बार अपेक्षित कारोबार न हो पाने से मायूस नजर आ रहे हैं।

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कोरोना काल में बीते दो वर्ष शिवराज पशु मेला नहीं लगा था। इस वर्ष मेला लगा है तो प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा से पशु कारोबारी पशुओं के साथ मेले में पहुंच चुके हैं। इस बार सबसे अधिक घोड़े और घोड़ी ही मेले में बिक्री के लिए हैं। मेले की सफलता महाराष्ट्र से आने पशु कारोबारियों पर ही निर्भर रहती रही है। मेले में महाराष्ट्र के पशु कारोबारियों के अलावा घुड़सवार के शौकीन भी मेले में आते रहे हैं, लेकिन इस वर्ष न तो कारोबारी और न ही शौकीन मेले में आए हैं। इससे मेले की रंगत कारोबारियों की भीड़ के बावजूद भी फीकी नजर आ रही है। बिक्री के लिए लाए गए पशुओं का बाजार अभी ठंडा है, अपेक्षित खरीदार नहीं मिल रहे हैं। पशु कारोबारी इस बार अपेक्षित कारोबार न होने से मायूस नजर आ रहे है। दो वर्ष बाद मेला लगा अच्छे कारोबारी की उम्मीद थी, लेकिन महाराष्ट्र के व्यापारी खरीद को नहीं आए हैं। उम्मीद पर पानी फिरा है।

- अबशर चौधरी, पशु कारोबारी काफी महंगे घोड़े घोड़ी मेले में हैं लेकिन उनकी अपेक्षित कीमत नहीं मिल पा रही है। महाराष्ट्र के व्यापारियों से ही मेले की रौनक रहती थी।

- फकीरा चौधरी, पशु कारोबारी करन-अर्जुन की जोड़ी का भी नहीं मिला खरीदार

हरियाणा से घोड़े-घोड़ी बिक्री को लेकर आए पशु कारोबारी राजाराम बताते हैं कि उन्होंने अपने करन अर्जुन की जोड़ी की कीमत साढ़े चार लाख रुपये रखी है, लेकिन अभी तक कोई खरीदार नहीं मिला है। इस बार मेले में शौकीन कम नजर आ रहे हैं।


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