टीवी रोगियों को नहीं मिल रहा निक्षय पोषण योजना का लाभ
क्षय रोग पीड़ितों को पौष्टिक आहार के लिए दिए जाने वाला लाभ बीते तीन
संवाद सहयोगी, कासगंज : क्षय रोग पीड़ितों को पौष्टिक आहार के लिए दिए जाने वाला लाभ बीते तीन माह से नहीं मिला है। इससे पीड़ितों को पौष्टिक आहार की समस्या हो रही है।
शासन ने स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि क्षय रोग से ग्रस्त रोगियों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की जाए। जिससे वह संक्रमण की चपेट में न आए, और क्षय रोगियों की मृत्यु दर नियंत्रित हो सके। विभाग ने रोगियों को नियमित रूप से दिए जाने वाली दवाएं तो उपलब्ध करा दी। लेकिन निक्षय पोषण योजना के तहत पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह दिए जाने वाले पांच सौ रुपये की धनराशि उनके खातों में तीन माह से नहीं पहुंची है। लाकडाउन में आर्थिक तंगी और योजना की राशि न मिलने से रोगियों के सामने पौष्टिक आहार की समस्या है, वह परेशान है।
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तीन माह से खातों में निक्षय पोषण योजना की धनराशि नहीं आई है। कोरोना काल में आय के भी साधन कम हुए है। योजना की राशि मिलनी चाहिए। - प्रवेश कुमार, क्षय रोगी
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आर्थिक रूप से कमजोर हैं। कोरोना काल में और परेशानी बढ़ गई है। तीन माह से योजना का पैसा नहीं मिला है। पौष्टिक आहार नहीं जुटा पा रहे है। - राज कुमारी, क्षय रोगी शव विश्राम स्थल टूट जाने से हो रही परेशानी: शहर में सोरों गेट पर श्रीगणेश इंटर कालेज के बाहर दो शव विश्राम स्थल बने थे। इनको शहर की सामाजिक संस्थाओं ने बनवाया था। लेकिन सड़क के चौड़ीकरण में लोक निर्माण विभाग ने यह स्थल तोड़ दिए। तब से लोगों को शव रखने की दिक्कत हो रही है। लेकिन लोक निर्माण विभाग स्थल बनवाना भूल गया है।
कछला गंगाघाट पर शव को ले जाने से पहले सोरों गेट स्थित श्रीगणेश इंटर कालेज के बाहर बने चबूतरों पर शवों को विश्राम कराकर पिड बदलने की क्रिया की जाती थी। लेकिन जब फोरलेन का निर्माण हुआ तो यह चबूतरे तोड़ दिए गए। अब शवों को जमीन पर रखकर विश्राम कराया जाता है, और पिड बदलने की क्रिया की जाती है। इससे लोगों को परेशानी होती है। लोगों ने जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग से तोड़े गए चबूतरों को पुन: बनवाए जाने की मांग की है।
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पहले चबूतरे बने थे जिन पर टिनशेड भी था। लेकिन चौड़ीकरण में यह ध्वस्त कर दिया गया। शव विश्राम स्थलों का पुन: निर्माण होना चाहिए। - प्रकाश सिधी, कारोबारी
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शव विश्राम स्थल टूट जाने से समस्याएं हो रही हैं। लोक निर्माण विभाग इन स्थलों का पुन: निर्माण कराए। पूर्व में यह स्थल सामाजिक संस्थाओं द्वारा बनवाए गए थे।
- अशोक माहेश्वरी, कारोबारी