कर्मचारी विरोधी है प्रदेश की सरकार
निजीकरण के विरोध में व कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर चल रह
कासगंज, जागरण संवाददाता : निजीकरण के विरोध में व कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर चल रहा कार्य बहिष्कार आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। अधिकारियों और कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना देकर सरकार को कोसा और निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिए जाने की मांग की।
अध्यक्षता कर रहे घमंडी सिंह ने कहा कि निजीकरण से कर्मचारियों से कहीं अधिक नुकसान उपभोक्ताओं का होगा। उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कृषि और उद्योग बर्बाद हो जाएगा। जूनियर इंजीनियर पवन कसौंधन एवं शैलेंद्र सारस्वत ने कहा कि जिले में सभी अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सरकार को निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेना चाहिए। इस अवसर पर आरसी गुप्ता, राजेश कुमार, महावीर सिंह, राजीव कुमार, रोहित कन्नौजिया, प्रवेश कुमार, राजीव रंजन, विजेंद्र सिंह, लोकेश कुमार, सूर्यकांत द्विवेदी, विशाल कुमार, नितिन यादव मौजूद रहे।
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फाल्ट सही करने को नहीं मिल रहे विद्युत कर्मी
वैसे तो जिले में विद्युत आपूर्ति कहीं ठप नहीं है। यदि तकनीकी कारण से कहीं फाल्ट आ रहा है तो शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निजीतौर पर बिजली मिस्त्री से फाल्ट सही कराने का कार्य कर रहे हैं। राजस्व का हो रहा नुकसान
दो दिन से विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सभी कैश काउंटर बंद हैं। लिहाजा विद्युत बिल जमा नहीं हो पा रहे हैं। बकाया जमा करने पहुंच रहे उपभोक्ता बैरंग लौट रहे हैं। बीते दो दिनों में लाखों रुपये का राजस्व जमा नहीं हो सका है।