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सोरों ही है तुलसीदास की जन्मभूमि

सरकार ने राजनीति से प्रेरित हो राजापुर को दिया अनुदान, सोरों को मिले न्याय, घोषित हो तुलसी जन्मस्थली

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:22 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:22 AM (IST)
सोरों ही है तुलसीदास की जन्मभूमि
सोरों ही है तुलसीदास की जन्मभूमि

सोरों, संवाद सूत्र (कासगंज)। प्रदेश सरकार द्वारा राजापुर को तुलसी पीठ के लिए करोड़ों रुपये का अनुदान दिया है। वहीं, सोरों के लोग उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यहां के लोग सोरों को तीर्थस्थल घोषित किए जाने की मांग कर रहे हैं।

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राजापुर को तुलसी पीठ के लिए 7 फरवरी को प्रदेश सरकार ने बजट आवंटित किया। तब से ही सोरों के लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है। नागरिक प्रतिदिन आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को नरहरि पाठशाला में नागरिकों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। शुक्रवार को जब इस मुद्दे पर कासगंज के बुद्धिजीवियों का मत जाना गया तो उन्होंने सरकार के इस निर्णय को गलत बताया और सोरों को ही तुलसी पीठ घोषित किए जाने बात कही।

ऐसे तमाम प्रमाण हैं जिससे यह स्पष्ट है कि महाकवि तुलसीदास की जन्मभूमि शूकर क्षेत्र सोरों है। सरकार ने राजापुर में स्थित तुलसी पीठ के लिए अनुदान दिया है। यह एक अलग बात है कि सोरों को पर्यटन स्थल बनाए जाने की बात कह चुके हैं। उन्हें इस पर अमल करना चाहिए है और सोरों तुलसी स्थापना के लिए धन देना चाहिए। डॉ. अखिलेश चंद्र गौड़

तुलसी जन्मभूमि सोरों की उपेक्षा ही नहीं है बल्कि यहां के लोगों के हृदय को आघात पहुंचा है। सरकार विकास के लिए कोई भी कदम उठाए, उसका स्वागत है, लेकिन राजापुर को तुलसी पीठ मान लेना अन्याय पूर्ण है। तुलसी का जन्म शूकर क्षेत्र में हुआ, यह शास्त्रों में लिखित है। सोरों के अलावा विश्व भर में कोई शूकर क्षेत्र नहीं है। डॉ. सुभाष चंद्र दीक्षित

राजनीति से प्रेरित होकर सरकार ने यह कदम उठाया है। तीर्थ नगरी की उपेक्षा करना उचित नहीं है। भले ही राजापुर को धन आवंटित किया गया, लेकिन सोरों को भी पर्यटन स्थल और तुलसी दास की जन्मस्थली घोषित किया जाना चाहिए। सरकार को इतिहास और शास्त्रों का अध्ययन करके ही इस तरह का निर्णय लेना चाहिए। सोरों ही नहीं बल्कि संत तुलसीदास के प्रत्येक अनुयायी के लिए यह आघात है। डॉ. बृजेंद्र यादव

सरकार ने यह निर्णय जल्दबाजी में लिया है जो अनुचित है। राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया है। सरकार को साहित्य मर्मज्ञों से विचार विमर्श करना चाहिए। सरकार इस निर्णय पर पुन: विचार करे। सोरों को तुलसी की जन्मभूमि है और सरकार को इसकी घोषणा कर देनी चाहिए। डॉ. रामप्रकाश पाल पथिक


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