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मंडी में बंद रही दुकानें, क्रय केंद्रों पर उतरा गेहूं

दुकानों के बाहर तख्त डाल कर बैठे कारोबार लगा रहे प्रशासन पर आरोप

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 10:33 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 06:23 AM (IST)
मंडी में बंद रही दुकानें, क्रय केंद्रों पर उतरा गेहूं
मंडी में बंद रही दुकानें, क्रय केंद्रों पर उतरा गेहूं

कासगंज, जागरण संवाददाता : शनिवार को मंडी समिति में आढ़तियों ने दुकानों के शटर नहीं उठाए। गल्ला कारोबारी पहुंचे, लेकिन तख्त डाल कर बैठ गए। दुकानों के शटर न उठने से बाहर से आए किसान परेशान रहे तो पल्लेदारों को भी मजदूरी नहीं मिली।

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गेहूं खरीद को लेकर प्रशासन और आढ़तिए पहले दिन से आमने-सामने हैं। शनिवार को दो आढ़तियों को 1750 एवं 1780 रुपये क्विटल की दर से गेहूं खरीदते हुए प्रशासन की टीम ने पकड़ा था। मौके पर बयान दर्ज कर इनके लाइसेंस निलंबित कर दिए। इसके बाद से ही कारोबारी आंदोलन की हुंकार भर रहे थे। शनिवार को सुबह से मंडी में दुकानें नहीं खुली। दुकानों के बाहर तख्त पर बैठ व्यापारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों का कहना था कि प्रशासन द्वारा गलत ढंग से कार्रवाई की है। कारोबारियों के पास किसान खुद ही गेहूं बेचने आ रहा है। गेहूं की क्वालिटी के आधार पर उसे खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा अगर प्रशासन का रुख यही रहा तो मंडी अनिश्तित काल के लिए बंद रहेगी।

पल्लेदार भी रहे परेशान : मंडी में दुकानें बंद रहने से पल्लेदार भी परेशान रहे। सुबह से ही मजदूरी के लिए तरस गए। दोपहर तक मंडी के खुलने की उम्मीद थी लिहाजा पल्लेदार काम की आस में पेड़ों के नीचे बैठे रहे। फिर वापस लौट गए।

'गेहूं की कीमत गुणवत्ता के आधार पर ली जाती है। कारोबारी किसी से जबरन गेहूं नहीं खरीद रहे। इस तरह की कार्रवाई गलत है।'

-किशन चंद्र शर्मा

कारोबारी 'मंडी में किसान खुद ही गेहूं बेचने के लिए आ रहे हैं, लेकिन इस तरह की कार्रवाई तो व्यापार को प्रभावित करने वाली है।'

-सत्यपाल सिंह

कारोबारी


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