पूजन के साथ शुरू हुआ शिवराज पशु मेला, आए व्यापारी
सोरों संवाद सूत्र मार्गशीर्ष मेले में लगने वाला शिवराज पशु मेला रविवार को शुरू हो गया।
सोरों, संवाद सूत्र : मार्गशीर्ष मेले में लगने वाला शिवराज पशु मेला रविवार को शुरू हो गया। आयोजकों ने पूजन किया। मेले में प्रदेश के अलावा दूरस्थ प्रांतों से आए पशु व्यापारी और पालक मेले में पहुंचे। 15 दिवसीय पशु मेला 20 दिसंबर तक चलेगा।
शिवराज पशु मेला कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो वर्षों से नहीं लगा था। सुबह मेले के आयोजक राव मुकुल मान सिंह और मुदित मान सिंह ने पूजन और झंडी गाड़कर मेले का शुभारंभ किया। आयोजक राव मुकुल मान सिंह ने बताया कि उनके पूर्वज राजा शिवराज सिंह के नाम से मेला लगाया जाता है। मेला सौ वर्ष से अधिक पुराना है। सन 2018 में मेले का शताब्दी वर्ष मनाया था। उसके बाद कोरोना के चलते मेला नहीं लगा। इस वर्ष मेले में बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान से पशु पालक एवं पशु कारोबारी आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि मेला 15 दिन चलेगा। पहले बिक्री को आते थे ऊंट और हाथी
सोरों के वरिष्ठ अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा बताते हैं कि एक समय था जब सोरों का शिवराज पशु मेला देश का सबसे बड़ा पशु मेला हुआ करता था। इस मेले में हाथी और ऊंट भी बिक्री के लिए आते थे। हाथी तो दो दशक से मेले में बिकने नहीं आए। अब ऊंट भी नहीं आते हैं। राजू और सीमा बने हैं मेले का आकर्षण
शिवराज पशु मेले में इस वर्ष घोड़ी सीमा और घोड़ा राजू आकर्षण का केंद्र बने हैं। मैनपुरी के पशु व्यापारी चंद्रभान सिंह बताते है कि उन्होंने अपनी घोड़ी की कीमत छह लाख रुपये रखी है। वहीं मैनपुरी के पशु कारोबारी सुकूर नाथ बताते हैं कि वह अपने घोड़े राजू के साथ अन्य घोड़ों को भी बिक्री के लिए लाए हैं। राजू की कीमत साढ़े तीन लाख रुपये रखी गई है। फर्रुखाबाद के पशु कारोबारी नरेंद्र ने घोड़े बादल की कीमत डेढ़ लाख रुपये बताई।