काली की कालिमा का दोषी कौन, रिपोर्ट खोलेगी पोल
अलीगढ़ बीयर फैक्ट्री के सीवरेज और नदी के पानी के नमूने भेजे गए। विषैले पानी से बीते दिवस मछलियां मर गईं थीं।
कासगंज, संवाद सहयोगी। काली नदी की कालिमा का दोषी कौन है? कहीं अलीगढ़ बीयर फैक्ट्री के सीवेज से तो मछलियों की जान नहीं गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यह पता लगाने में जुटा है। बुधवार को काली नदी के पानी और सीवेज के नमूने लिए गए। इन्हें जांच के लिए अलीगढ़ की प्रदूषण नियंत्रण प्रयोगशाला भेजा गया है।
जिले की सीमा से गुजर रही काली नदी का पानी काफी समय से दूषित है। यह पानी जानवरों के पीने लायक भी नहीं रहा है। रविवार को नदी में बड़ी संख्या में मछली मरने के बाद मामला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संज्ञान में आया। इसके बाद हरकत में आए बोर्ड ने नदी के पानी की जांच को प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि मंगलवार को नदी में नहर का पानी छोड़े जाने से इसके पानी की गुणवत्ता में कुछ सुधार आया है। इसके बाद भी बोर्ड नदी के पानी और अलीगढ़ की बीयर फैक्ट्री के सीवरेज की जांच करा रहा है। अलीगढ़ की बीयर फैक्ट्री का सीवरेज काली नदी में आता है। इससे आशंका है कि सीवरेज नदी के पानी को जहरीला बना रहा है। सीवरेज का असर क्या है यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, रामगोपाल का कहना है कि अलीगढ़ बीयर फैक्ट्री के सीवरेज और काली नदी के पानी के नमूने लिए गए हैं। इनकी जांच को अलीगढ़ प्रयोगशाला में भेजा गया है। गुरुवार तक इसकी रिपोर्ट आने की संभावना है।