आरोपितों की तलाश में आठ घंटे चला सर्च आपरेशन
आरोपितों की तलाश के लिए लगभग आठ घंटे नदी किनारे खेतों की खाक
संवाद सहयोगी, कासगंज: आरोपितों की तलाश के लिए लगभग आठ घंटे नदी किनारे खेतों की खाक छानी। जिसमें चार थानों की पुलिस सहित तीनों सर्किल के सीओ, इंस्पेक्टर को लगाया गया। लगभग साढ़े आठ बजे जब सिपाही का शव और घायल दारोगा को पुलिस ने खेतों से बरामद कर लिया उसके बाद पुलिस ने बदमाशों को चयनित करने के बाद गांव नगला धीमर में सर्च अभियान शुरू किया। आरोपितों और उसके नाते-रिश्तेदारों के बाद पुलिस ने नहर किनारे चार किलोमीटर के एरिया में खेतों में सर्च आपरेशन चलाया। आठ घंटे तक पुलिस द्वारा चलाए गए सर्च आपरेशन में सिढ़पुरा, पटियाली, गंजडुंडवारा, अमांपुर, सहावर के इंस्पेक्टर लगभग दो दर्जन दारोगा, सीओ पटियाली गवेंद्रपाल गौतम, सीओ सदर आरके तिवारी, सीओ सहावर शैलेंद्र सिंह परिहार सहित 100 से अधिक आरक्षियों को लगाया गया था। एसपी मनोज कुमार सोनकर एवं एएसपी आदित्य प्रकाश वर्मा सर्च आपरेशन का संयुक्त रूप से नेतृत्व करते रहे। एडीजी अजय आनंद एवं आइजी पीयूष मार्डिया सर्च आपरेशन की पल-पल की जानकारी लेते रहे।
सिर में गंभीर चोट से गई सिपाही की जान: शराब माफिया ने दारोगा और आरक्षी को बेरहमी से पीटा। धारदार हथियार से उन पर कातिलाना हमला बोला। जिसमें सिपाही की तो जान चली गई। दारोगा अलीगढ़ के मेडिकल कालेज में जिदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है।
थाना क्षेत्र के गांव नगला धीमर में शराब माफिया ने बंधक बनाकर मंगलवार रात थाना सिढ़पुरा के दारोगा अशोक कुमार सिंह एवं आरक्षी देवेंद्र से मारपीट की थी। आरोपित इतने आक्रामक थे कि वे पुलिस कर्मियों की हत्या पर आमादा थे। शराब माफिया ने लाठी-डंडों से ही नहीं बल्कि धारदार हथियारों से उन पर हमला किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक आरक्षी के सिर, गर्दन पर गहरे और गंभीर घाव थे। सिर की हड्डी को भेदते हुए घुसा नुकीला और धारदार हथियार ही सिपाही की मौत का कारण बन गया। सिपाही के शरीर पर लगभग आधा दर्जन से अधिक चोटें आई हैं। दारोगा के पेट में दो गंभीर घाव हैं वहीं दाएं पैर की हड्डी भी टूटी है। शरीर पर अन्य चोटें भी आई हैं। जिस तरह से पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट और हत्या की गई उससे यह तो स्पष्ट होता है कि हमलावर एक या दो नहीं अधिक संख्या में रहे होंगे।