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एक यूनिट पर मिल रहा सिर्फ एक किलो गेहूं

कासगंज संवाद सहयोगी प्रदेश सरकार ने आपूर्ति विभाग में नए नियम लागू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 05:11 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 05:11 AM (IST)
एक यूनिट पर मिल रहा सिर्फ एक किलो गेहूं
एक यूनिट पर मिल रहा सिर्फ एक किलो गेहूं

कासगंज, संवाद सहयोगी : प्रदेश सरकार ने आपूर्ति विभाग में नए नियम लागू कर दिए हैं। इस माह से प्रत्येक यूनिट सिर्फ एक किलो गेहूं दिया जा रहा है। अब तक प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं दिया जा रहा था। राशन विक्रेता प्रति यूनिट दो किलो मक्का भी दे रहे हैं, जबकि अंत्योदय कार्ड धारकों को भी मक्का दी जा रही है। सरकार की यह योजना उपभोक्ताओं को रास नहीं आ रही।

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पात्र गृहस्थी एवं अंत्योदय कार्ड धारकों को योजना के अंतर्गत कार्ड धारकों को राशन दिया जाता है। पात्र ग्रहस्थी के लिए तीन किलो गेहूं एवं दो किलो चावल प्रति यूनिट देने का प्रविधान था, अंत्योदय कार्ड धारक को 20 किलो गेहूं एवं 15 किलो चावल वितरित किया जाता था। एक अप्रैल से सरकार ने नई योजना लागू की है। इसके तहत तीन किलो के स्थान पर मात्र एक किलो गेहूं प्रति यूनिट एवं दो किलो मक्का दी जा रही है। चावल की मात्रा प्रति यूनिट दो किलो ही है। अंत्योदय कार्ड धारकों को भी 20 के स्थान पर 15 किलो गेहूं वितरित किया जा रहा है। 15 किलो चावल दिया जा रहा है। जबकि पांच किलो मक्का अतिरिक्त खाद्यान्न के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार की यह योजना उपभोक्ताओं को रास नहीं आ रही है। उपभोक्ताओं का कहना है कि मक्का एवं चावल के स्थान पर गेहूं देने का ही प्राविधान होना चाहिए। राशन वितरण को लेकर कार्ड धारकों की डीलर से नोंकझोंक भी हो रही है। राशन लेने गए तो गेहूं के स्थान पर मक्का दी गई। चावल भी मिले, लेकिन गेहूं की मात्रा कम थी। पूछताछ करने पर दुकानदार ने बताया कि अब इतना ही गेहूं मिलेगा। इस योजना से कोई फायदा नहीं है।

- कुशलपाल, निवासी गंदा नाला चावल और मक्का की आवश्यकता नहीं है। परिवार के लोग गेहूं का प्रयोग ज्यादा करते हैं। चावल मक्का के स्थान पर गेहूं दिया जाए। तब सरकार की योजना सफल साबित होगी।

- माया देवी, निवासी गली लोधियान शासन के निर्देश पर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। एक यूनिट पर पांच किलो खाद्यान्न की मात्रा निर्धारित है। वह दी जा रही है, लेकिन गेहूं के स्थान पर मक्का देने का प्रविधान रखा गया है।

- सत्यवीर सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी


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