Move to Jagran APP

ऐशो-आराम छोड़ माटी के लिए बहा रहे पसीना

कासगंज संवाद सहयोगी माटी से प्रेम कर खेती-बाड़ी को बढ़ावा देने वालों की अभी भी कमी नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 05:15 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 05:15 AM (IST)
ऐशो-आराम छोड़ माटी के लिए बहा रहे पसीना
ऐशो-आराम छोड़ माटी के लिए बहा रहे पसीना

कासगंज, संवाद सहयोगी: माटी से प्रेम कर खेती-बाड़ी को बढ़ावा देने वालों की अभी भी कमी नहीं है। धीमे धीमे खेती से विमुख हो रहे किसानों के लिए पटियाली क्षेत्र के किसान श्यामाचरण एक मिसाल बन गए हैं। उन्होंने एक निजी कंपनी के सीनियर ऑफिसर की नौकरी छोड़ कर खेती में मेहनत शुरू की है। उनका कहना है कि वह आराम की नौकरी में घुटन महसूस कर रहे थे। बचपन से ही खेती के प्रति रुचि थी। इसलिए माटी का प्रेम नहीं छूट रहा था। औषधि खेती के माध्यम से वे नौकरी से ज्यादा लाभ कमा रहे हैं।

prime article banner

कासगंज के पटियाली के रहने वाले एक किसान को वर्ष 2016 में एक निजी कंपनी में चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की नौकरी हासिल हुई। नौकरी के साथ-साथ खेती पर विशेष बल दिया। वे अपने निजी कंपनी के काम पर जुटे तो सफलता भी मिलने लगी, लेकिन माटी का प्रेम नहीं छूटा, फिर उन्होंने देखा कि कुछ किसान खेती से विमुख होते जा रहे हैं, क्योंकि खेती से उन्हें खास लाभ नहीं मिल पा रहा इस पर उन्होंने अपनी ऐशो आराम की नौकरी को त्याग दिया और फिर जुट गए खेती करने में। सतावर, अश्वगंधा, तुलसी, एलोवेरा की खेती करने लगे। औषधि खेती से उन्हें बेहद लाभ मिला। अब उन्होंने अपने साथ और भी किसानों को जोड़ लिया है। आंकड़े की नजर से

25 बीघा जमीन में कर रहे हैं औषधि खेती

150 किसान उनकी प्रेरणा से जुड़े औषधि खेती में औषधि खेती के लिए किसान श्यामाचरण आगे आए उनके प्रोत्साहन के लिए विभाग भी आगे आया है। हम उनका प्रोत्साहन करेंगे।

- योगेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी जो भी किसान प्रगतिशील हैं, उनको प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जितना भी अनुदान कृषि विभाग की ओर से होगा उनको दिया जाएगा। ऐसे किसानों का प्रोत्साहन जरूरी है।

-सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी

-

मैंने वर्ष 2006 में बीएससी की थी। उस समय मुझे शिक्षकों ने बताया था कि औषधि के क्या गुर होते हैं। मैंने एक निजी कंपनी में नौकरी खी। धीमे-धीमे मैंने नौकरी को तवज्जो नहीं दी बल्कि जरिया बदला और खेती से फायदा लिया।- किसान श्यामाचरण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.