क्षेत्रीय अध्यक्ष से मनुहार, अधिशासी अभियंता से भी लगाई गुहार
20 मीटर से कम पर बनती नहीं दिख रही बात फोरलेन को लेकर चितित हैं भवन स्वामी
जागरण संवाददाता, कासगंज: फोर-लेन निर्माण की परिधि में आ रहे भवन स्वामी अब पूरी तरह से निराश हो चुके हैं। उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है। भवनस्वामियों ने भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी व लोक निर्माण के अधिशासी अभियंता से मुलाकात की और अपना पक्ष रखते हुए न्याय मांगा। लेकिन कहीं से भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
जिले से जिले को जोड़ने की योजना के तहत एटा से कासगंज के मध्य 320 करोड़ की लागत से फोर-लेन का कार्य शुरू हुआ। यह कार्य लगभग 80 फीसद तक पूरा हो चुका है। शहर के बीच में अब काम गति पकड़ रहा है। सड़क निर्माण के दौरान दर्जनों आवास और व्यवसायिक भवन परिधि में आ रहे हैं। इन भवन स्वामियों को स्वयं अतिक्रमण हटाने की चेतावनी और नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन भवन स्वामी चाहते हैं कि उन्हें न्याय मिले, मुआवजा मिले अथवा पूर्व में किया गया समझौता लागू किया जाए। इसके लिए ये लोग प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी लगभग छह बार मिलकर न्याय मांग चुके हैं, लेकिन उन्हें कोरा आश्वासन मिला। मंगलवार देर शाम भवन स्वामियों ने भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी के कैंप कार्यालय पहुंचकर उनसे मुलाकात की और व्यथा बताई। यहां भी उन्हें आश्वासन मिला। बुधवार को सुबह भवन स्वामी लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता सुधीर कुमार से मिले। अपना पक्ष रखते हुए भवनों के बैनामे और अन्य दस्तावेज दिखाते हुए न्याय मांगा। यहां भी उन्हे कोई उम्मीद की किरण जगती नजर नहीं दिखी। निराशा ही हाथ लगी। बीते मंगलवार को भवन स्वामियों ने जिलाधिकारी को भी इस संबंध में ज्ञापन दिया था।
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इन लोगों ने मुलाकात
राजेंद्र कुमार माहेश्वरी, दिनेश कुमार, बलबीर सिंह, ओमप्रकाश, वशीर अहदम, प्रशांत गुप्ता, मुनीष माहेश्वरी, दिलीप गुप्ता, जफर, अमित, बनवारी लाल, पवन साहू, जुनैद अहमद, दिनेश वर्मा, विनोद, गोपाल पंडित, पप्पू साहू, मोहित जैन आदि प्रमुख हैं।
यह हुआ था समझौता
बीते वर्ष भवन स्वामियों प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर के बीच सोरों के लोक निर्माण विभाग के अतिथि आवास में यह समझौता रहा था कि सड़क के दोनों ओर 20 मीटर के वजह 15 मीटर अधिग्रहण किया जाएगा। लोग चाहते हैं कि यह समझौता लागू किया जाए।
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नियमानुसार सड़क का निर्माण होगा। कम से कम 20 मीटर सड़क के दोनों ओर निर्माण होगा। प्रयास रहेगा कि जो भी सरकारी भूमि अवैध कब्जे में है, उसे मुक्त कराया जाए। - सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता