घाटों पर दिखना सन्नाटा तो खेत किनारे श्रद्धा की डुबकी
सोमवती अमावस्या पर हर वर्ष हरिपदी से लहरा घाट तक पैर रखने क
कासगंज, जागरण संवाददाता : सोमवती अमावस्या पर हर वर्ष हरिपदी से लहरा घाट तक पैर रखने की जगह नहीं होती थी। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते घाटों पर सन्नाटा रहा। श्रद्धालु घरों से निकले तो राहों पर खाकी का पहरा था। लेकिन पगडंडियों के जानकार कहां मानते। पहरेदारी के बीच भी खेतों से रास्ता खोज निकाला। घाटों पर पुलिस थी तो खेत किनारे ही श्रद्धा की डुबकी सुबह से शाम तक लगती रही, लेकिन इनकी संख्या काफी कम थी।
प्रशासन की पहले से की गई सख्ती कामयाब रही। जहां सोमवती अमावस्या को सोरों जाने वाले मार्ग जाम रहते थे। वहां पहले से ही रोक की सूचना ने लोगों के कदम रोक दिए। हर वर्ष सोमवती अमावस्या पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते थे, लेकिन इस वर्ष आसपास के जिलों से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में से भी कई को वापस लौटना पड़ा। लहरा घाट पर चौकी इंचार्ज जगन्नाथ सिंह का पहरा था तो सोरों में हरिपदी घाट के साथ में लहरा की तरफ जाने वाले मार्गों पर खुद इंस्पेक्टर रिपुदमन सिंह चेकिग कराते रहे। हरिपदी गंगा घाट पर पुलिस की सख्ती से सन्नाटा रहा, लेकिन लहरा से कछला तक कई किमी में फैली गंगा पर खाकी कहां तक पहरेदारी करती। ऐसे में आसपास के गांवों के लोग पगडंडियों से खेतों किनारे बहती गंगा तक पहुंचे एवं जमकर डुबकी भी लगाई।
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सीमा से लौटाई राजस्थान नंबर की गाड़ियां : सोरों में स्नान करने के लिए सबसे ज्यादा श्रद्धालु राजस्थान एवं मध्य प्रदेश से आते हैं। जिले की सीमाओं पर एसपी सुशील घुले के निर्देश पर सुबह से ही बैरीकेडिग थी। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश से आने वाले वाहनों को यहीं पर रोक दिया गया। गोरहा नहर पर भी रोके गए वाहन :
सीमाओं पर चेकिग के बाद भी कुछ वाहन गांवों के रास्ते से पहुंचे तो उन्हें गोरहा नहर पर रोक दिया गया। हालांकि इसके बाद भी इन वाहनों के श्रद्धालु पैदल ही यहां से कई किमी तक का सफर तय कर सोरों पहुंचे।
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मुस्तैदी से पहले ही सुबह कर आए स्नान :
वहीं कई श्रद्धालु प्रशासन की सख्ती को देख कर सुबह जल्दी ही लहरा एवं अन्य घाट पर पहुंच गए। यह सात बजे से पहले ही स्नान कर वापस लौट आए।
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पुलिस ने राहों पर खड़े किए ट्रैक्टर :
पुलिस ने लहरा घाट पर जाने वाले मार्ग पर तीन जगह बैरियर लगाए। एक जगह तो मार्ग में ट्रैक्टर ही खड़ा कर दिया, ताकि कोई भी वाहन लहरा तक न पहुंच पाए।