जमीन में धमाका, तरंगों से तेल की तलाश
पटियाली तहसील में जमीन में बो¨रग कर हो रही गैस और केरोसिन की खोज - 90 फीट नीचे वि
- पटियाली तहसील में जमीन में बो¨रग कर हो रही गैस और केरोसिन की खोज
- 90 फीट नीचे विस्फोट के सहारे पैदा की जाती हैं तरंगें
जागरण संवाददाता, दरियावगंज: जमीन में काफी गहराई के नीचे धमाके हो रहे हैं। तरंगें पैदा की जा रही हैं। जीपीएस तकनीक के सहारे फोटो सैंकड़ों किमी दूर लैब को भेजे जाते हैं। तेल और केरोसिन की तलाश को चल रहे काम के दौरान कोई शोर और भीड़ भी नहीं होती हैं। सब शांति से हो रहा है।
गंगा के सहारे केरोसिन और गैस की खोज के लिए पटियाली और इलाहाबाद के मध्य बड़ी संभावना को देखकर सर्वे टीम जगह-जगह तेजी से जांच में जुटी हैं। ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन पेट्रोलियम मंत्रालय की टीम जमीन के अंदर बम फोड़कर गैस और केरोसिन की तलाश में जुटी है। पटियाली के नजदीकी गांव नगला कार से अभियान की शुरुआत होते-होते दयावंती तक आ पहुंचा है। यह है प्रकिया
सर्वे टीम 20 से 30 मीटर की दूरी पर दो टीमों से एक साथ बो¨रग का कार्य कराती हैं। 90 फुट तक बो¨रग के बाद उसमें तकनीक से जुड़े कंप्यूटर बायको डाला जाता है। इसके बाद उसने 2 किलो का डूबा डालकर करंट देने के के बाद उनको नीचे छोड़ा जाता है। विस्फोट के बाद जमीन के अंदर उठने वाले मलवे का फोटो एक साथ दोनों बो¨रग के अंदर का लिया जाता है। अंदर मलबे का यह फोटो देहरादून, दिल्ली और मुबंई तकनीकी लैब में जांच के लिए चला जाता है। यह जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस जगह तेल मिलने की संभावना है अथवा नहीं। दस साल पहले हुआ था सर्वे
10 वर्ष पूर्व गंगा किनारे जमीन का ऑयल एंड नेचुरल गैस कमिशन पेट्रोलियम मंत्रालय ने हवाई सर्वे कराया था। कच्चे तेल और गैस की संभावना के चलते टीम ने पटियाली से चलकर दरियावगंज तक विभिन्न स्थानों पर क्षेत्र में डेरा डाल कर जांच कार तेजी से शुरू कर दिया है। टीम के पीआरओ रवि सिंह ने जागरण टीम को बताया 280 से 300 जमीन में गहराई में जीपीएस द्वारा क्षेत्र में सर्वे कर सेटेलाइट द्वारा दिल्ली लैब को बारी-बारी से रिपोर्ट भेजी जा रही है। प्लांट इन 22 किलोमीटर के दायरे में खोज कार्य में तेजी से जुटी है, निकटवर्ती गांव ताजपुर में भी खनिज पदार्थ होने के संकेत ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन को मिले थे, इस कारण वहां कई दिन तक खुदाई कराई गई। लेकिन टीम ठोस नतीजे पर अभी तक नहीं पहुंच पाई है। फिर भी अभी भी कंपनी को उम्मीद है कि आसपास के अन्य गांव में खुदाई कर तेल और केरोसीन मिल सकें। ओएनजीसी द्वारा शुरूआती परीक्षण कार्य कराया गया था, जिसमें जमीन के अंदर खनिज भंडार होने के संकेत मिले थे। इस आधार पर विभागीय टीम गांव में पहुंची और उसने जमीन के अंदर परिचर कार्य शुरू कर दिया था। टीम से पहले बो¨रग कराई और इसके बाद कई धमाके जमीन के अंदर कराए जाते हैं। जमीन के अंदर 7 मीटर नीचे होने के संकेत जाते हैं, इसलिए ज्यादा खुदाई की गई। जिस खेत में ऐसी संभावना पता चलती है, वहां 20 मीटर की दूरी पर एक साथ दो जगह का कार्य कराया जाता है। लाल तेल और केरोसिन की खोज में कंपनी के कर्मचारी लगे हुए हैं।