Move to Jagran APP

खाकी के साथ निभाया मानवता का फर्ज

नारी नारायणी का रूप होती है। कोई परिस्थितियां हों लेकिन वह अपने

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 06:08 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 06:08 AM (IST)
खाकी के साथ निभाया मानवता का फर्ज
खाकी के साथ निभाया मानवता का फर्ज

संवाद सहयोगी, कासगंज : नारी नारायणी का रूप होती है। कोई परिस्थितियां हों, लेकिन वह अपने फर्ज से पीछे नहीं हटतीं। यहां तक कि यदि परिवारिक जिम्मेदारी के साथ-साथ सरकारी जिम्मेदारी मिलती है तो वह दोहरी जिम्मेदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निर्वहन करती हैं। ऐसा ही किया है पुलिस महकमे में तैनात मीना सिंह ने। लाकडाउन में परिस्थितियां ऐसी बनी कि परिवार से दूरी बनी रही और प्रवासियों की हालत देख मानवीयता बढ़ गई।

loksabha election banner

मूल रूप से मथुरा की रहने वाली मीना सिंह पुलिस महकमे में आरक्षी के पद पर तैनात हैं। पिछले साल लाकडाउन था। लेकिन प्रवासियों के कदम ठहर नहीं रहे थे। वे थके हारे ही नहीं बल्कि भूखे प्यासे भी थे। यहां तक कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उनके पास मास्क भी नहीं थे। उस समय यह सब देख मीना सिंह ने खाकी का फर्ज तो निभाया ही साथ ही मानवीयता के आधार पर प्रवासियों की मदद की। मीना सिंह के पति सेना में है और उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी है और छोटा बेटा। दोनों ही दादा, दादी के पास मथुरा में रहते हैं। लाकडाउन में छह महीने तक ऐसे हालात बन रहे कि मीना चाहकर भी बच्चों के पास नहीं पहुंच पाई।

--------------------------

पुलिस महकमे में खाकी का फर्ज निभा रही हूं, लेकिन मानवीयता का फर्ज भी बहुत जरूरी है। लाकडाउन में प्रवासी बेहद परेशानी दिखाई दिए थे उस समय पुलिस का फर्ज तो निभाया ही साथ ही प्रवासियों को भोजन, मास्क और दवाइयां भी उपलब्ध कराई। हर व्यक्ति को मानवता का फर्ज निभाना चाहिए। - मीना सिंह, आरक्षी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.