पांच साल में सिर्फ 42 के घर बजी सरकारी शहनाई?
जागरण संवाददाता कासगंज जिले में मजदूरों की कमी नहीं। पंजीकरण ही 43 हजार के पार है
जागरण संवाददाता, कासगंज : जिले में मजदूरों की कमी नहीं। पंजीकरण ही 43 हजार के पार है। मगर योजनाओं के नाम पर यह खाली हाथ हैं। अनजान हैं या विभाग की लापरवाही। हर वर्ष शादियां होती हैं। कर्ज के बोझ तले दबने वाले मजदूर कम नहीं। शहर से कस्बों तक के सराफा कारोबारियों के यहां पर हर रोज गहने गिरवी रखने वालों की लाइन लगी रहती है, मगर सरकारी अनुदान पाने वाले सिर्फ 42..।
यह सच है कासगंज में श्रम विभाग की योजनाओं का। मजदूरों की पुत्रियों के विवाह के लिए चलाई जा रही पुत्री विवाह अनुदान योजना का लाभ भी मजदूर नहीं उठा रहे हैं या यूं कहें कि इसका लाभ नहीं मिल रहा है। अब तक विभाग को सिर्फ 42 आवेदन मिले हैं, उनमें से भी मात्र 30 लाभांवित हुए हैं तथा शेष लंबित हैं। हालांकि इसके पीछे बताया जाता है कि मजदूर का पंजीकरण एक वर्ष पुराना होना जरूरी है, लेकिन सवाल यह है अगर विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है तो मजदूरों तक क्यों नहीं पहुंच रहा। विभागीय लिपिक महेश बाबू आवेदन कम के पीछे तर्क देते हैं कि सामान्य रूप से सामूहिक विवाह ज्यादा होते हैं, लिहाजा एकांकी लाभार्थी कम हैं। जो भी आवेदन मिलते हैं, उन्हें स्वीकृत करा कर लाभ दिलाया जाता है।
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--क्या है योजना--
बेटी की उम्र 18 वर्ष होना अनिवार्य।
55 हजार रुपये आíथक सहायता मिलती है अंतर्जातीय विवाह के लिए।
51 हजार रुपये की धनराशि मिलती है शादी के लिए। ------------------
--पुत्री विवाह अनुदान योजना--- कुल पंजीकृत मजदूर : 43983पंजीकृत पुरुष मजदूर : 35080पंजीकृत महिला मजदूर : 8903पांच वर्षो में कुल आवेदन : 42लाभ पा चुके लाभर्थी : 30लंबित आवेदन : 12