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मार्गशीर्ष मेला की भव्यता बढ़ाएगा प्रदेश सरकार का खजाना

कासगंज संवाद सहयोगी तीर्थ नगरी सोरों के मार्गशीर्ष मेले को योगी कैबिनेट में शनिवार को प्रांतीयकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 05:53 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 05:53 AM (IST)
मार्गशीर्ष मेला की भव्यता बढ़ाएगा प्रदेश सरकार का खजाना
मार्गशीर्ष मेला की भव्यता बढ़ाएगा प्रदेश सरकार का खजाना

कासगंज, संवाद सहयोगी: तीर्थ नगरी सोरों के मार्गशीर्ष मेले को योगी कैबिनेट में शनिवार को प्रांतीयकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस व्यवस्था के तहत सरकार अब मेला के लिए बजट का प्रविधान करेगी। इस बजट से मेला की भव्यता बढ़ेगी। बड़े कार्यक्रम आयोजित हो सकेंगे।

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सरकार ने बीते वर्ष 13 नवंबर को सरकार ने मार्गशीर्ष मेला को राज्य मेला घोषित किया था। लेकिन, कैबिनेट में प्रस्ताव पास नहीं हुआ था। ऐसे में मेले का आयोजन हमेशा की तरह पालिका प्रशासन ने अपने स्रोतों से किया था। शनिवार को सरकार के नगर विकास विभाग ने कैबिनेट में मेला मार्गशीर्ष के प्रांतीयकरण का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी मिल गई। मंजूरी मिलने के बाद अब इस मेले की भव्यता बढ़ेगी। मेले में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार बजट में व्यवस्था करेगी। मेले में होने वाले कार्यक्रमों का सभी खर्चा सरकार उठाएगी। पौराणिक है मार्गशीर्ष का मेला

तीर्थ नगरी में लगने वाला यह मेला पौराणिक है। शासन द्वारा जारी अधिसूचना में मार्गशीर्ष मेला कृष्ण पक्ष की अष्टमी से पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तक 15 दिनों का समय निर्धारित किया है। मेला में ये हैं प्रमुख कार्यक्रम

-मार्गशीर्ष पूर्णिमा, द्वादशी एवं मार्गशीर्ष अमावस्या पर प्रमुख स्नान

-नागा बाबा की शाही सवारी, नागा बाबाओं का स्नान, वराह भगवान की शोभायात्रा तीर्थ नगरी सोरों के इस मेले को अमृत कुंभ भी कहा जाता है। भगवान वराह के सूकर क्षेत्र की धरा पर अवतरित होने के दिन यह मेला शुरू होता है। मेला पौराणिक है। 1868 में अंग्रेज शासकों ने मेलाआयोजन की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी। नगर पालिका अधिनियम लागू होने के बाद इस मेले की व्यवस्था नगर पालिका परिषद की ओर से की जाने लगी। अब सरकार ने मेले का प्रांतीयकरण किया है। मेले की भव्यता बढ़ेगी। क्षेत्र का विकास होगा।

- राधाकृष्ण दीक्षित, शिक्षाविद एवं साहित्यकार तीर्थनगरी का ऐतिहासिक महत्व है। भगवान वराह की मोक्ष भूमि के अलावा रामचरित मानस के रचनाकार महाकवि तुलसीदास एवं अष्टछाप के कवि नंद की जन्मभूमि है। कैबिनेट में मेला के प्रांतीयकरण का प्रस्ताव पास हुआ है, यह हर्ष का विषय है। मेले की भव्यता बढ़ेगी।

- विदेहानंद महाराज

महंत, वराह भगवान मंदिर बीते वर्ष शासन ने मार्गशीर्ष मेले को राज्य मेले घोषित करने का आदेश जारी किया था। अब योगी कैबिनेट में मेले के प्रांतीयकरण के प्रस्ताव की मंजूरी मिल गई है, इसकी भी जानकारी नहीं है। मेले के प्रांतीयकरण की मंजूरी मिल जाने से कस्बे का विकास होगा।

- मुन्नीदेवी, पालिकाध्यक्ष सोरों सरकार ने सोरों को तीर्थ स्थल घोषित किया। मार्गशीर्ष मेले को राज्य मेला घोषित किया है। कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है। मेले के लिए बजट में प्रविधान किया जाएगा। इससे क्षेत्र का विकास भी होगा।

- महेश गुप्ता, नगर विकास राज्यमंत्री


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