कासगंज, जागरण टीम। नींबू ने दस दिन के अंतराल में बड़ा ताव खाया है। भाव ढाई गुणा तक बढ़ गए हैं। ऐसे में घरों में सलाद से नींबू गायब हो गया है। होटल-ढाबों पर यह मांगने पर ही मिल रहा है, वह भी सीमित मात्रा में। मंडी में नींबू का भाव 120 रुपये प्रति किलोग्राम है और फुटकर बाजार में यह दो सौ रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है।

नहीं होती नीबू की पैदाबार

कासगंज में नींबू की पैदावार नहीं होती। यहां सौखिया ही कुछ किसानों ने नींबू के पेड़ अपने खेतों में लगा रखे हैं, उन पर इतना नींबू नहीं आता, जिसे मंडी तक पहुंचाया जा सके। ऐसे में यहां के आढ़तिया नींबू की खरीद आसपास की मंडियों से करते हैं। नींबू मुख्यत: मद्रास से आता है, मगर यहां आढ़तिया इसे बरेली, आगरा, जयपुर और दिल्ली की मंडियों से मंगाते हैं। वहां इसकी आमद कम होने से यहां भी नींबू बहुत कम आ पा रहा है। इससे नींबू के भाव यकायक बढ़ने लगे हैं।

दस दिन पहले थे तीस रुपये किलो के भाव

दस दिन पहले तक तीस-चालीस रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा नींबू अब मंडी में ही 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। फुटकर बाजार में आते-आते इसके भाव दौ सो रुपये प्रति किलोग्राम तक हो रहे हैं। ऐसे में लोग अब नींबू कम ही खरीद रहे हैं और यह घरों में सलाद से दूर हो गया है। नींबू की जगह महिलाएं अब घरों में आमचूर आदि विकल्प के रूप में प्रयोग कर रही हैं। होटल-ढाबों पर भी सलाद में अब नींबू नहीं परोसा जा रहा। हां, मांगने पर जरूर इसके पीस दिए जा रहे हैं। ज्यादा मांग पर अलग से पैसे वसूले जा रहे हैं।

क्या कहती हैं गृहणियां

नींबू से सब्जी स्वादिष्ट हो जाती है। सलाद में भी नींबू से स्वाद बन जाता है। ऐसे में अब जरूरत के हिसाब से ही नींबू खरीद रहे हैं। परिवार के सदस्यों के हिसाब से नग में नींबू ला रहे हैं। दस से पंद्रह रुपये में एक नींबू मिल रहा है। दीपा गुप्ता, गृहणी, दुर्गा कालोनी

पहले तो नींबू बाजार में दिखाई ही नहीं दे रहा है, जहां मिल रहा है, उसके भाव आसमान छू रहे हैं। ऐसे में हमने तो नींबू का प्रयोग ही बंद कर दिया है। सब्जी आदि खट्टी करने के लिए आमचूर का प्रयोग बढ़ा दिया है। पूजा गुप्ता, गृहणी, मुहल्ला नवाब

नींबू के भाव पिछले दस दिनों में ही बढ़े हैं। इससे पहले नींबू को तीस-चालीस रुपये में भी कोई नहीं खरीद रहा था। यहां मद्रास का नींबू आता है। आढ़तिया आसपास के जिलों की मंडी से इसे मंगाते हैं। रामप्रकाश कुशवाहा, आढ़तिया

नींबू की पैदावार जिले में नहीं होती। यहां बाहर की मंडियों से आता है। वहीं भाव बढ़ रहे हैं, ऐसे में यहां आढ़तिया कम नींबू मंगा रहे हैं। भाव बढ़े हैं तो नींबू की बिक्री भी कम हो गई है। मुहम्मद अकरम, आढ़तिया

जिले में नींबू की पैदावार नहीं होती। कुछ किसानों ने शौकिया अपने खेतों में इसके पेड़ लगा रखे हैं। वह इसे परिवार और गांव में ही प्रयोग कर लेते हैं। मंडी तक नींबू नहीं पहुंचता। सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी 

Edited By: Abhishek Saxena