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त्योहारों पर भी कुंभकारों को नहीं दिख रही उम्मीद

कुंभकारों को टेसू-झांझी और दीपावली पर दीपक की बिक्री भी प्रभावित दिख रही है। कोरोना संक्रमण के कारण गर्मी के सीजन में मटके और सुराही भी नहीं बिके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:00 AM (IST)
त्योहारों पर भी कुंभकारों को नहीं दिख रही उम्मीद
त्योहारों पर भी कुंभकारों को नहीं दिख रही उम्मीद

कासगंज, संवाद सहयोगी। कोरोना संक्रमण के चलते गर्मी में कुंभकारों का कारोबार प्रभावित रहा। ठंडे पानी के लिए मटके और सुराही की बिक्री न के बराबर हुई। अब उन्हें दशहरा पर्व पर टेसू-झांझी और करवाचौथ पर करवे की बिक्री भी प्रभावित दिख रही है। इससे कुंभकारों में मायूसी है।

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डिस्पोजल क्राकरी के प्रचलन ने मिट्टी से बने बर्तनों का कारोबार पहले से ही समाप्त कर दिया है और फिर अब कोरोना संक्रमण ने तो उत्सवों पर बिकने वाले मिट्टी के खिलौने और बर्तन की बिक्री भी प्रभावित कर दी है। अप्रैल से मिट्टी के बने सुराही और मटकों की बिक्री शुरू हो जाती है। लोग ठंडे पानी के लिए इसका प्रयोग करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इसकी बिक्री प्रभावित रही। कुंभकारों के यहां स्टाक लगा रहा। अब कुंभकारों को पर्वों से भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है। दशहरा पर्व पर टेसू-झांझी की बिक्री गत वर्षों के सापेक्ष 40 फीसद भी नहीं हुई। करवाचौथ पर करवे और दीपावली पर दीपकों की बिक्री को लेकर भी वह आशंकित हैं।


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