चांद दिखा तो खिलखिलाई चांदनी
- फोटो- -करवाचौथ पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा, श्रृंगार कर पति की सलामती को पूजा अर्चना की। रात को चांद का दीदार कर व्रत पूरा किया। पतियों ने पत्िनयों को उपहार दिए।
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-करवाचौथ पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा
-श्रृंगार कर सुहाग की सलामती की पूजा की
जासं, कासगंज : यूं तो चांद हर रात दिखता है, लेकिन शनिवार की रात के चांद का अलग ही महत्व रहा। सुहागिन महिलाओं ने पलकें बिछाकर चांद का इंतजार किया। चांद का दीदार होते ही चांदनी के चेहरे पर खिलखिलाहट आ गई। निर्जला व्रत रखकर चांदनी रात में सोलह श्रृंगारों से सजी सजनी ने चांद को जल अर्पित कर व्रत पूरा किया।
करवाचौथ का व्रत पूरे उत्सवपूर्ण माहौल में मनाया गया। घर-घर करवाचौथ की पूजा हुई तो शहर में मेले जैसा माहौल रहा। पूजन के बाद चांद को निहार कर सेल्फी ली। कई सुहागिनों ने वाट्सअप और स्काइप पर अपने प्रियतम का दीदार कर व्रत समाप्त किया। वहीं आज पति भी कामकाज जल्दी निपटाकर पूजन में शामिल हुए और पत्िनयों का व्रत पूरा कराया।
-सुहागिन महिलाओं ने ऐसे किया पूजन
महिलाओं ने सुबह से ही घरों की सफाई कर घर की छत को गाय के गोबर से लीपकर उस पर चौक पूर कर गौरी गणेश की प्रतिमा रखकर विधि विधान से पूजन किया। शाम के समय अपने हाथों से अपने परिवार के लिए भोजन पकाया। तत्पश्चात सोलह श्रृंगार करके भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना की। रात्रि के समय जब धवल चांदनी के साथ चंद्रमा का उदय हुआ, तब महिलाओं ने आंखों के सामने चलनी लगाकर चंद्रमा के दर्शन किए। इसके साथ ही महिलाओं ने उन्हें जल दिया तथा आरती उतारी। चन्द्रमा के दर्शन व पूजन के बाद महिलाओं ने अपने पति व परिवार के बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं पति ने भी अपने हाथों से पत्नी को पानी व मिठाई खिलाकर उनका उपवास समाप्त कराया। पति ने पत्नी को खुश करने के लिए उन्हें उपहार आदि भी दिए।