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गंगा के उफान से दहशत में ग्रामीण

तराई क्षेत्र के लोग दहशत के चलते जाग कर रात काट रहे हैं। उनका मानना है कि जलस्तर बढ़ा तो उनको गांव से पलायन करना पड़ जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 12:10 AM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 12:10 AM (IST)
गंगा के उफान से दहशत में ग्रामीण
गंगा के उफान से दहशत में ग्रामीण

जासं, कासगंज: जिले के तटवर्ती ग्रामों में फसली भूमि का सीना चीरते हुए आबादी की ओर बढ़ रहा गंगा का पानी ग्रामीणों की धड़कन बढ़ा रहा है। उनकी रात की नींद और दिन का चैन छिन गया है। ग्रामीण रात जागकर काट रहे हैं उन्हें डर सता रहा है कि अब गंगा में पानी बढ़ा तो उनको गांव से पलायन करना पड़ जाएगा। इससे उनके सामने खाने पीने की और पशुओं के सामने चारे की समस्या होगी। बुधवार को भले ही गंगा के जलस्तर में मामूली गिरावट आई है, लेकिन गंगा का पानी पटियाली क्षेत्र में ग्रामों की ओर बढ़ रहा है। डीएम आरपी ¨सह ने पटियाली क्षेत्र में गंगा से प्रभावित ग्रामों का दौरा किया है और ¨सचाई विभाग के अफसरों को दिशा निर्देश दिए है।

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गंगा में बाढ़ के हालात बने हुए है। मंगलवार को गंगा का पानी सोरों, पटियाली क्षेत्र के कई ग्रामों की फसली भूमि में जा घुसा और सोरों के ग्राम लहरा और पटियाली के वमनपुर में यह पानी आबादी की ओर रूख कर गया। आबादी की तरफ बढ़ते पानी ने तटवर्ती ग्रामों के ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ा दीं। मंगलवार की रात उन्होंने जागकर काटी। छतों से ग्रामीण गंगा के बढ़ते जलस्तर की ओर निहारते रहे। तय है कि गंगा का अब जलस्तर बढ़ा तो आबादी क्षेत्र में में तबाही मचाएगा। फिलहाल पानी गांव तक नहीं पहुंचा है। उधर गंगा के जलस्तर में मामूली .10 गेज मीटर की गिरावट आई है। मंगलवार को कछला ब्रिज पर गंगा का जलस्तर 163.75 गेज मीटर था जो बुधवार को घटकर 163.65 गेज मीटर रिकार्ड किया गया। गंगा के बढ़ते जलस्तर और बलवती होती बाढ़ की आशंका के मद्देनजर डीएम आरपी ¨सह ने बुधवार को सुबह पटियाली के कादरगंज घाट व तटबंधों के साथ-साथ बाढ़ निरोधक कार्यों का निरीक्षण किया और ¨सचाई विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए है। 17 बाढ़ चौकियां कर रही काम

गंगा में बाढ़ की आशंका के चलते जिला प्रशासन द्वारा पहले से ही 17 बाढ़ चौकियों को बनाया जा चुका है। जिस पर राजस्व व ¨सचाई विभाग के अधिकारी तैनात है। जिला मुख्यालय पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जो गंगा की स्थिति पर पल-पल नजर रखे हुए है। गंगा अभी खतरे के निशान से बहुत दूर है। संभावना है कि जिले में बाढ़ के हालात पैदा नहीं होगे, फिर भी किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। जहां तटबंधों में कोई कमी है, उसे दूर करने के निर्देश दिए गए है। आबादी में पानी घुसने की स्थिति में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था है। पशुओं के चारे के लिए पूर्ण व्यवस्था की गई है। प्रशासन हर स्थिति से निपटने को तैयार है।

- आरपी ¨सह, डीएम यह रहा गंगा का डिस्चार्ज

बुधवार को कछला गंगा नदी में हरिद्वार बैराज से 46523, बिजनौर से 70561 और नरौरा से 1 लाख 47 हजार 395 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है। कछला गंगा नदी पर कछला ब्रिज पर गंगा का गेज 163.65 मीटर रिकार्ड किया गया है जो मंगलवार की सापेक्ष .10 मीटर घटा है। अब गंगा नदी में जलस्तर घटने लगा है। बुधवार को .10 मीटर की गिरावट आई है। गुरुवार को जलस्तर में और गिरावट आएगी।

- कमलेश कुमार, अधिशासी अभियंता, ¨सचाई


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