रोडवेज की छाती पर फल-फूल रही डग्गामारी
शासन के कड़े निर्देश भी जिले में डग्गामारी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
जागरण संवाददाता कासगंज: शासन के कड़े निर्देश भी जिले में डग्गामारी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा हैं। जिला मुख्यालय पर तो रोडवेज की कोख में ही डग्गामारी फल-फूल रही है। बस स्टेशन के बाहर से प्राइवेट बस और मैजिक संचालक सवारियां भर रहे हैं, तो सवारियों के इंतजार में सरकारी बसें खड़ी रहती हैं। डग्गेमार वाहनों पर कार्रवाई न होने की बेबसी में रोडवेज घाटा उठा रही है।
जिला मुख्यालय पर रोडवेज बस स्टेशन शहर के सरकूलर रोड पर संचालित है, यहां से आगरा-मथुरा- जयपुर- बदायूं और बरेली के अलावा एटा-अलीगढ़ आदि शहरों के लिए रोडवेज बस सेवा उपलब्ध है। रेलवे से आने वाले यात्री भी अपने ठिकाने तक पहुंचने के लिए बस स्टेशन की ओर आते हैं। ऐसे में आने- जाने वाले यात्रियों की भीड़ से रोडवेज बस स्टेशन भोर से रात तक गुलजार रहता है, लेकिन रोडवेज के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह इन यात्रियों को तत्काल उनके ठिकानों तक पहुंचा दे। ऐसे में रोडवेज बस स्टेशन के बाहर खड़े रहने वाले मैजिक टेंपो संचालक और डग्गामार बस संचालक रोडवेज की इस कमी का फायदा उठाते हैं। रोडवेज बस चालक-परिचालक वाहन को आधा भरने के लिए यात्रियों के आने का इंतजार करते हैं, वही डग्गामार मैजिक संचालक छह- आठ सवारियां एकत्र कर उड़न छू हो जाते हैं और रोडवेज बस फिर यात्रियों के इंतजार में खड़ी रहती है।
यात्रियों से गुलजार इस बस स्टेशन के बाहर रोडवेज बसों के आगे से डग्गेमार बस संचालक अपने वाहनों में भी सवारियां भरते हैं। कम किराया होने के लालच में यात्री भी रोडवेज बसों के आगे खड़ी प्राइवेट बसों को ही वरीयता देते हैं। ऐसे में रोडवेज कर्मी अपनी बस को खाली खड़ा होता ही देखता रहते हैं। करीब आधा दर्जन बसें यहां सवारियों को ढोने में लगी रहती हैं। बस स्टेशन के सामने से संचालित हो रही ऐसी बसों के कारण रोडवेज को हजारों रुपये का प्रतिदिन घाटा सहन करना पड़ रहा है। करीब एक दर्जन से ज्यादा मैजिक टेंपो संचालक भी रोडवेज बस स्टेशन के समीप से ही सवारियां ढोते हैं। इसके अलावा भी तमाम जीप और कारें भी सवारियां भी चलते-चलते भरकर ले जाते हैं।
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मैनपुरी हादसे से नहीं लिया सबक-
मैनपुरी में ओवरलोड बस के पलटने से 18 यात्रियों की मौत की घटना के बाद भी गुरुवार को वाहन संचालक बेपरवाह ही दिखते हैं। रोडवेज बस चालक और परिचालक भी इसमें पीछे नहीं रहे। गुरुवार को मथुरा डिपो की बस मथुरा से चलकर सुबह 11 बजे कासगंज आई तो इसकी छत पर सवारियां बैठी थी। चंद पल कासगंज बस स्टेशन के सामने रुककर यह बस छत पर ही सवारियां बैठाकर बदायूं-बरेली के लिए निकल गई। मथुरा से चली इस बस की छत बैठी सवारियां तीन जिलों से निकलने के बाद भी चौथे जिला बदायूं के लिए चली गईं।
19 वाहन किए सीज-
डग्गेमार वाहनों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई चल रही है। अभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज मोहन लाल के साथ मिलकर ऐसे वाहन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, इस दौरान 19 डग्गेमार वाहन सीज किए गए। अभी कार्रवाई एआरएम के आने पर दोबारा की जाएगी।
-राजेश कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी।