कासगंज- गंगा नदी नहीं लगने दे रही 'नैया पार'
स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं गंगा पार के गांवों में चिकित्सा सेवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। फोटो नंबर एक परेशानी -
स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं गंगा पार के गांव फोटो नंबर एक परेशानी
- नहीं मिल रही गांवों में आशा कार्यकर्ता, एनएम भी नहीं क्षेत्र में
- हर अभियान में पिछड़ता है गंजडुंडवारा, जिला रहता है पीछे
स्थिति
- 1200 से 1500 की आबादी पर होनी चाहिए एक आशा कार्यकत्री
- 04 आशाओं के भरोसे है गंगा पार के 29 गांवों की स्वास्थ्य सेवाएं।
- 05 के सापेक्ष मात्र 02 एएनएम कार्यरत हैं गंजडुंडवारा में।
- 30 के करीब कुल आशाओं के पद रिक्त हैं जिले में।
जागरण संवाददाता, कासगंज : जिले में स्थित गंगा पार के गांव स्वास्थ्य विभाग की नैया पार नहीं लगने दे रहे। उक्त गांवों के कारण विभाग लगभग प्रत्येक अभियान में पिछड़ जाता है। आलम यह है कि इन गांवों में आशा कार्यकर्ता हैं न एएनएम। इन गांवों के निवासियों तक योजनाएं पहुंचाने में विभागीय अधिकारियों के पसीने छूट जाते हैं।
टीकाकरण में कासगंज जिले का नाम प्रदेश के उन सात जिलों में शामिल हो गया, जो अभियान में सबसे पिछड़े हैं। कम टीकाकरण होने के बाद जिले में विशेष अभियान चलाना पड़ा। टीकाकरण की स्थिति देखें तो जिले में गंजडुंडवारा क्षेत्र ही बाधक है। इसमें भी सबसे बुरी स्थिति रहती है गंगा पार स्थित गांवों की। बदायूं क्षेत्र से सटे इन गांवों में विभाग की योजनाओं को दौड़ाने वाली अंतिम कड़ी आशा ही नहीं है। एक भी एएनएम तक नहीं है। हर बार अभियान मोबाइल टीम के भरोसे चलाए जाते हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. मुकेश कहते हैं। गंगापार क्षेत्र में दिक्कतें आती हैं। पिछली बार यहां 47 फीसद टीकाकरण हुआ है। 'गंगा पार के क्षेत्र के संबंध में हम योजना बना रहे हैं। कुछ गांवों में एएनएम जाना नहीं चाहती हैं। एएनएम और आशा जल्द तैनात की जाएंगी। अभी मोबाइल टीम के द्वारा इन क्षेत्रों में अभियान चलाए जाते हैं।'
- डॉ. प्रतिमा श्रीवास्तव
मुख्य चिकित्साधिकारी