टूटे परिवारों का सेतु बनीं इंद्रा
इंद्रा गौड डेढ दशक से निरंतर कर रहीं है सेवा इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी जुड़ी।
जासं, कासगंज: समाजसेवी इंद्रा गौड़ दंपतियों के बीच बढ़ती दूरियां को कम करने और टूटे घरों को जोड़ने में बीते दो दशकों से अपनी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। लगभग साठ वर्ष की उम्र में भी वह अपने इस उद्देश्य के लिए निरंतर दौड़तीं हैं। परिवार परामर्श केंद्र, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में अपनी सेवाएं दे रही है और लगभग डेढ़ दशक से प्रोजेक्ट दीदी से जुड़ी है, जिसका मुख्य उद्देश्य टूटे परिवारों को फिर से जोड़ना है।
इंद्रा गौड कासगंज में जनमी, पली और बढ़ी हुई और फिर यहीं दांपत्य सूत्र में बंधी। तीन बेटे और एक पुत्री की मां इंद्रा गौड़ अब उम्र के लगभग साठ दशक पूरी कर चुकी है, लेकिन उनमें आज भी समाजसेवा का जच्बा है। इंद्रा गौड़ लगभग दो दशक से केवल टूटे परिवार को जोड़ने का काम कर रही है। उनके यहां प्रतिदिन इस तरह के मामले पहुंचते है और वह स्वयं निस्वार्थ रूचि लेकर दंपतियों के बीच उपजे गिले-शिकवों को दूर कर उन्हें एक साथ रहने के लिए प्रेरित करती हैं। इंद्रा गौड़ बताती है कि उनके इस कार्य में उनके पति या परिवार का कोई सदस्य कभी अवरोध नहीं बना। सभी का हमेशा प्रोत्साहन मिला है और उन सभी के प्रोत्साहन से परिवार के दायित्वों को निभाया और अपने इस उद्देश्य के लिए लगी रही। उन्होंने बताया कि अब तक वह अपने व्यक्तित्व प्रयास से सौ से अधिक और परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से सैकड़ों परिवारों को जोड़ने का काम कर चुकीं हैं। उन्होंने बताया कि आज भी वह अपने इस उद्देश्य के लिए निरंतर प्रयासरत है। वह ग्रामीण क्षेत्रों में भी जाती है। जहां इस तरह की शिकायतें मिलती हैं, परिवारों को समझाती बुझाती हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य में भी बाधाएं आ जाती है। कोई पक्ष आरोपित करने लगता है लेकिन वह उद्देश्य से नहीं भटकते हैं। उनका कहना है कि जब तक वह जीवित है, यह काम करती रहेगी।