सोरों में मजबूत की थी जनसंघ की जमीन
नाम ही अटल नहीं था, बल्कि उनके इशारों में भी इरादे अटल दिखाई देते थे। उनकी सभाओं को सुनने के एिल कासगंज, पटियाली के लोग जाते थे।
जासं, कासगंज: नाम ही अटल नहीं था, बल्कि उनके इशारों में भी इरादे अटल दिखाई देते थे। सभाएं जरुर छोटी की थी लेकिन गागर में सागर भर बड़ी बातें कह जाते थे। कासगंज, पटियाली और सोरों उनकी सभाओं का केंद्र रहे थे। यहां से उन्होंने जनसंघ की जमीं मजबूत की थी।
सन 1980 में सदी के जननायक अटल बिहारी वाजपेई पटियाली के एसबीआर इंटर कालेज स्थित बाग में सभा करने आए। उन्होंने यहां संगठन की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक की। विभाग संचालन रामनिवास गुप्ता और जिला संचालक रमन गुप्ता से मंत्रणा करके कार्यकर्ताओं को जनसभा से संबोधित किया। उन्होंने यहां जनसंघ को मजबूत करने के मंत्र दिए। इसके बाद 1982 में उन्होंने सोरों में सभाकर संगठन की जमीं तैयार की। सन 1989 में भारतीय जनता पार्टी की मजबूती के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई कासगंज के रेलवे रोड़ पर जनसभा करने पहुंचे थे। उन्होंने यहां सभा में चंद बातों में ही बड़े संदेश दे दिए। उनके शब्दों से प्रेरित होकर कासगंज शहर उनसे जुड़ता गया। इससे पहले वह 1983 में हुए उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित करने के लिए पटियाली पहुंचे थे। यहां उनकी सभा में भीड़ उमड़ी थी। उन्होंने कई संदेश दिए, हालांकि पार्टी का प्रत्याशी उस समय सफलता नहीं पा सका लेकिन प्रत्याशी को मजबूती काफी मिली। अटल बिहारी वाजपेई पटियाली और सोंरों में दो अलग-अलग सभाएं कर गए। लेकिन कासगंज में उन्होंने एक ही सभा की थी।