Kasganj: झोपड़ी में आग लगने से आग से दर्जनभर पशुओं की मौत, गेहूं की छह बीघा फसल खाक
Kasganj तीन जगह हुए अग्निकांड में लाखों की क्षति हुई। एक जगह खेत में लगी आग में छह बीघा फसल का गेहूं जलकर राख हो गया दूसरी जगह झोपड़ी में आग लगने से बारह बकरे मर गए। तीसरी जगह झोपड़ी में आग लगी और एक भैंस जलकर मर गई।
जागरण संवाददाता, कासगंज : जिले में तीन जगह हुए अग्निकांड में लाखों की क्षति हुई है। एक जगह खेत में लगी आग में छह बीघा फसल का गेहूं जलकर राख हो गया तो दूसरी जगह झोपड़ी में आग लगने से उसमें बंधे बारह बकरे मर गए। तीसरी जगह भी झोपड़ी में आग लगी और एक भैंस जलकर मर गई, दो पशुओं की हालत गंभीर है।
सोरों क्षेत्र के गांव कुमरौआ में शनिवार की शाम अजयपाल के खेत में कटी रखी गेहूं की फसल में आग लग गई। खेत में आग की लपटें उठती देखकर गांव में अफरातफरी मच गई। ग्रामीण आग बुझाने में जुट गए। फायर ब्रिगेड को भी सूचना दे दी गई। कुछ ही देर में दमकल पहुंच गई। ग्रामीणों और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने अथक प्रयास कर आग को काबू में किया। अजय पाल ने 11 बीघा में गेहूं की फसल की थी। पांच बीघा उसकी खुद की जमीन थी और छह बीघा उसने पट्टे पर ली थी। फसल उन्होंने कटवा ली थी और उसे खेत में ही इकट्ठा कर रखा था। गेहूं निकालने के लिए वह थ्रेसर का इंतजार कर रहे थे।
अजयपाल का कहना है कि उसकी पूरी फसल जल गई है। तहसील प्रशासन क्षति का आकलन कर रहा है। उधर, ढोलना क्षेत्र के गांव नगला होती में रविवार को सुबह रामबृजेश यादव की झोपड़ी में आग लग गई। उसकी झोपड़ी के ऊपर से होकर विद्युत लाइन गुजर रही है। तारों में स्पार्किंग होने से चिंगारी झोपड़ी पर गिरी और कुछ ही देर में उसमें से लपटें उठने लगीं। सूचना मिलने पर पुलिस गांव में पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की दमकल भी बुला ली गई। सबने मिलकर आग बुझाई। झोपड़ी में रामबृजेश के बकरे बंधे थे, वह सभी जलकर मर गए। इनमें आठ बड़े और चार छोटे बकरे थे।
तहसीलदार सदर अजय कुमार ने मौके पर पहुंचकर हालात देखे। उन्होंने कहा कि पीड़ित गरीब है, उसकी हर स्तर पर मदद की जाएगी। उन्होंने राजस्व विभाग की टीम से क्षति का आकलन कराया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एमके अग्रवाल को बुलाकर मृत पशुओं का पोस्टमार्टम कराया। सहावर क्षेत्र के गांव फरीदपुर में भी झोपड़ी में आग लगने से रामसनेही की एक भैंस मर गई और दो पशु बुरी तरह झुलस गए। झोपड़ी में आग कैसे लगी, यह जानकारी नहीं हो सकी है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि किसी ने सुलगती बीड़ी या माचिस की तीली झोपड़ी पर फेंकी होगी। यहां ग्रामीणों ने ही आग पर काबू पा लिया था। लेखपाल ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन किया।