कासगंज के छविगृहों को नहीं मिल रही संजीवनी
लोग फिल्म देखने नहीं पहुंच रहे हैं। छविगृह का संचालन घाटे का कारोबार बन गया।
कासगंज, संवाद सहयोगी। अनलाक में भले ही सिनेमाघरों को संचालकों ने शुरू कर दिया है, लेकिन फिल्म देखने के लिए आने वालों की संख्या न के बराबर है। जबकि चार के बजाए तीन शो चल रहे हैं। एक स्वामी ने तो अभी तक टाकीज शुरू नहीं किया है। छविगृह स्वामियों का कहना है कि सिनेमाघरों का संचालन छोटे शहरों में घाटे का सौदा बन गया है।
15 अक्टूबर से सिनेमाघरों को कोरोना की पाबंदियों के साथ खोलने की अनुमति मिली तो शहर में संचालित दो सिनेमाघर हैं। लक्ष्मी टाकीज के स्वामी ने संचालन 17 अक्टूबर से शुरू कर दिया है जबकि नावल्टी टाकीज के स्वामी ने इसका संचालन अभी शुरू नहीं किया है। पहले से ही इस कारोबार में आई मंदी के चलते शहर के दो छविगृह पायल और नेशनल कई वर्षाें पूर्व बंद हो चुके हैं। अनलाक में सिनेमाघर खुलने के बाद भी फिल्म देखने के लिए लोग नहीं पहुंच रहे हैं। संचालक तीन शो चला रहा हैं, इनमें कुल मिलाकर 50 से 60 लोग ही फिल्म देखने पहुंच रहे हैं। अनलाक में कारोबार को गति नहीं मिलने से संचालक परेशान हैं। उन्हें घाटे में भी सिनेमाघर का संचालन करना पड़ रहा है। सही मायने में नई फिल्में रिलीज नहीं हो रही है। पुरानी फिल्मों को देखने में दर्शक को कोई रूचि नहीं है। यही कारण है कि सिनेमाघर में फिल्म देखने वालों की संख्या नहीं के बराबर रहती है।
राजीव अग्रवाल, लक्ष्मी टाकीज स्वामी छोटे शहरों में सिनेमाघरों के प्रति लोगों का रुझान कम हुआ है। मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर की ओर रुझान बढ़ रहा है। छोटे शहरों में अब यह कारोबार घाटे का व्यापार रह गया है। 13 नवंबर से नई फिल्में रिलीज होंगी तब टाकीज शुरूकरें। अभी तकनीकी खामी दूर करा रहे हैं।
सतीश गुप्ता, नावल्टी टाकीज स्वामी सिनेमाघरों में सीटों की क्षमता
लक्ष्मी टाकीज, बालकानी 260, फस्ट क्लास 500
नावल्टी टाकीज, बालकानी 196, फस्ट क्लास 90
टिकट की दरें
बालकानी : 30 रुपये
फस्ट क्लास : 20 रुपये