पद से हटाईं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष
अधिकारों का दुरुपयोग करना बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष को महंगा पड़ा। उन्हें वहां से तत्काल हटा दिया गया है।
जागरण संवाददाता, कासगंज: अधिकारों का दुरुपयोग करना बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष को महंगा पड़ा। डीएम के पत्र पर संज्ञान लेते हुए शासन ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया। अब समिति के दूसरे सदस्यों की मनमानी की जांच भी शुरू कराई है। पूरी समिति का अब नए सिरे से अध्यक्ष का चयन होगा।
कासगंज में बाल कल्याण समिति बनाई गई थी , जो एक न्याय पीठ संस्था है। समिति के अध्यक्ष पद पर आशा राठौर की नियुक्ति शासन द्वारा की गई थी। नियुक्ति के समय उन्हें अधिकारों और दायित्वों का बोध कराया गया, तो कुछ बंदिशें भी लगाई गई, लेकिन अध्यक्ष ने पद मिलते ही अधिकारों का दुरुपयोग शुरू कर दिया। डीएम की बिना अनुमति और उनको सूचित किए बिना ही राठौर ने कई जगह निरीक्षण किए।
मई माह में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय फरौली में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष आशा राठौर ने समिति के दूसरे सदस्यों के साथ पहुंचीं और निरीक्षण कर अधिकारों से आगे बढ़कर वार्डन के खिलाफ आरोप लगा दिए। इतना ही नहीं शासन को भी पत्र भेज दिया, लेकिन इसकी कोई भी जानकारी डीएम को नहीं दी गई। इसी माह में अध्यक्ष ने समाज सुधार समिति द्वारा संचालित बाल गृह कबीर नगर धाम नगला चीटा का निरीक्षण किया। नियम के अनुसार, बाल गृह में निरीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी नहीं कराई जा सकती, जबकि आशा राठौर ने वहां वीडियोग्राफी कराई। बाल गृह में अध्यक्ष आधा दर्जन वर्दीधारी सिपाहियों को को लेकर रौब जमाते हुए निरीक्षण करने पहुंची। समाज सुधार समिति के सचिव डॉ. हरिओम वर्मा को दबाव में लेने का प्रयास भी किया।
इसके अलावा और भी कई तमाम ऐसे कार्य किए जो उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं थे। इससे शासन-प्रशासन की मुश्किलें बढ़ने लगी और आए दिन कई समस्याएं पैदा होने लगी। डीएम आरपी ¨सह के समक्ष कई शिकायतें आई तो उन्होंने इसी जून में शासन को पत्र भेजा। जिसमें अध्यक्ष को हटाने की संस्तुति कर दी। डीएम के पत्र पर संज्ञान लेते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने अध्यक्ष आशा राठौर की नियुक्ति निरस्त करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है। साथ ही उन्हें कार्यमुक्त करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं।
लिखाया था गलत पता
जांच में समिति की अध्यक्ष आशा राठौर का पता ही गलत निकला। कासगंज की निवासी बनकर समिति की अध्यक्ष का पद हासिल करने वाली आशा राठौर बदायूं जिले की निवासी निकलें, जिसके पते की तस्दीक आधार कार्ड और बैंक पास बुक से हुई। अध्यक्ष की मनमानी बायोमैट्रिक हाजिरी प्रणाली से भी उजागर हुई, जिसके साक्ष्य अप्रैल, मई जून की दर्ज हाजिरी से सामने आए।
निशाने पर और भी सदस्य-
बाल कल्याण समिति कार्यालय में और भी अन्य सदस्यों की शिकायत जिला प्रशासन को मिल रही हैं। डीएम अपने स्तर से इस मामले में जांच करा रहे हैं। कई और भी सदस्य अब शासन के निशाने पर आ सकते हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। हालांकि अभी तक जांच चल रही है। बताते हैं कि समिति के सदस्य मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। मनमानी पर टोकने पर समिति के सदस्य दबाव बनाने को झूठे आरोप भी लगा देते हैं।
मेरे मना करने पर भी की मनमानी:
समाज सुधार समिति के सचिव हरिओम वर्मा ने बताया कि जब अध्यक्ष बाल गृह के निरीक्षण को पहुंचीं तो उनसे कहा कि वीडियोग्राफी न कराएं, लेकिन उन्होंने नहीं सुना। इसकी शिकायत मैंने डीएम से की थी।
हर सदस्य की करा रहे जांच-
समिति के हर सदस्य के क्रियाकलापों की जांच कराई जा रही है। समिति के सदस्यों बारे में तमाम शिकायतें मिल रही हैं, सभी पर जांच कराई जा रही है। समिति कार्यालय में लगे सीसीटीवी और बायोमैट्रिक से भी जानकारी हासिल की जा रही है। -आरपी ¨सह, डीएम।