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गंगा में उफान, घरों में घुसा पानी

बैराजों से छोड़े गए पानी ने कासगंज में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को गंगा का पानी ग्रामीणों के लिए परेशानी बन गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 12:24 AM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 12:24 AM (IST)
गंगा में उफान, घरों में घुसा पानी
गंगा में उफान, घरों में घुसा पानी

जेएनएन, कासगंज: बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से गंगा अब उफनने लगी है। बाढ़ का पानी कई गांवों के चारों ओर खड़ा हो गया है। तहसील के कई गांवों में गंगा का पानी रिहायशी झोपड़ियों और कच्चे आवासों में जा घुसा है। प्रशासनिक अफसरों ने कमर तक पानी से घिरे गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों से बात की और समस्याएं पूछीं, तो पुलिस ने उनको सुरक्षा के लिहाज से हटाया। शुक्रवार को गंगा में बीते रोज की अपेक्षा दो हजार क्यूसेक पानी कम छोड़ा है, इसके बाद भी समस्याएं बरकरार हैं।

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बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा के किनारे बसे लहरा समेत एक दर्जन गांवों में के आसपास बाढ़ का पानी जा पहुंचा है। शुक्रवार को नरौरा बैराज से 1.69 लाख, बिजनौर से 85667 और हरिद्वार बैराज से 47515 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नरौरा बैराज से शुक्रवार को को छोड़ा गया पानी भले ही गुरुवार की अपेक्षा कम रहा हो, पर इससे नदी के तटवर्ती गांवों में भय का आलम हो गया। लहरा समेत दो दर्जन गांवों के आसपास बाढ़ का पानी पहले से ज्यादा स्तर तक आ गया है।

जलस्तर ने बढ़ाई बेचैनी, रात में ही गांव पहुंचे एसडीएम -

जासं, पटियाली बारिस का पानी आने से मोक्षदायिनी के रौद्र रूप से तटवासियों की नींद उड़ गई है। जल स्तर बढ़ने पर एसडीएम धीरेन्द्र ¨सह ने राजस्व टीम के साथ गंगा नदी किनारे बसे गांवों का दौरा किया। गुरुवार रात उन्होंने नरदोली, अलोखर, हंसी नगला गांवों में जाकर ग्रामीणों से हाल जाने। तहसील क्षेत्र के थाना सुन्नगढी के ग्राम शहवाजपुर से थाना सिकंदरपुर वैश्य के गांव राजेपुर कुर्रा के 45 किलोमीटर दायरा में बहने वाली गंगा एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सीमा तोड़कर गांवों की ओर रुख कर गई है। नगला हंसी में गंगा का पानी आवासीय झोपड़ियों में घुस गया है। एसडीएम धीरेन्द्र ¨सह और तहसीलदार तिमिराज ने ग्रामीणों को आवास छोड़ कहीं बसने का प्रस्ताव रखा, लेकिन कोई ग्रामीण गंगा तट से नहीं हटा।

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इन गांवों में घुसा पानी-

गंगा नदी पार के गांव हिम्मत नगर, बझेरा, नगला खुर्द, जिजौल, नगला खिमाई, नगला मोहन, नगला तिलक, पनसोती, खेड़ा में सैलाब का पानी खड़ी फसलों में घुस गया है। मक्का, बाजरा, अरहर, धान, गन्ना, तिल, उड़द आदि फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

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घरों पर गंगा जल की दस्तक-

पटियाली: पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिस के चलते गंगा नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की स्थिति बन जाने से वा¨शदों में बेचैनी का आलम है। हिम्मत नगर में ठाकुर सत्येंद्र, सुरेश, लेखराज, रफीक, मुनब्बर आदि के घरों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।

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नगला खुर्द में टूटी पुलिया

पटियाली: बाढ़ के पानी की टक्कर से नगला खुर्द गांव में मुख्य मार्ग की पुलिया टूट जाने से आवमन ठप हो गया है। ग्रामवासी जिजौल होकर आवागमन कर रहे हैं।

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जिजौल में घुसा बाढ़ का पानी

पटियाली: नगला मुंता- हिम्मत नगर के मुख्य मार्ग पर बसे गांव नगला धाकरन पर बीते वर्ष जल निकासी के लिए निíमत पुलिया को ग्राम प्रधान की शह पर दबंगों ने बंद कर दिया। अब पुलिया को बंद कर देने से सैलाब का पानी गांव में घुस जाने से हा-हाकार मच गया। ठाकुर धीरपाल, राजवीर, भुवनेश सोलंकी के घरों पर बाढ़ का पानी दस्तक दे रहा है। मुख्य मार्ग तोड़ा

पटियाली: नगला मुंता से हिम्मत नगर जाने वाले मुख्य मार्ग पर पनसोती और खेड़ा के मध्य सैलाब का पानी पहुंच जाने से आवागमन ठप हो गया है। लोगों का नगला डम्बर होकर आना-जाना हो रहा है।


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