तीर्थनगरी से गहरा नाता है अटलजी के पूर्वजों का
सोरों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाबा भी गए थे। इसका लेखा जोखा भी वहां मौजूद है।
जागरण संवाददाता, सोरों: तीर्थनगरी से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पूर्वजों का गहरा नाता रहा है। मोक्ष की नगरी के पुरोहित की सूची में दर्ज रिकॉर्ड बताता है कि उनके पांचवीं पीढ़ी के पूर्वज यहां सोमवती अमावस्या पर स्नान करने आए थे। पोथी में पूरे परिवार की नाम दर्ज हैं, जिसमें अटलजी की बहन का नाम भी शामिल है।
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पूर्वजों के तीर्थ पुरोहित दिनेश मैदावार बताते हैं कि सबसे पहले अटलजी के बाबा के पिता यहां बटेश्वर से संवत 1981 में सोमवती अमावस्या पर स्नान करने आए थे। कस्बा बटेश्वर के वाजपेयी मुहल्ला निवासी यह परिवार बाद में ¨शदे की छावनी ग्वालियर जाकर बस गया और वहां से भी परिवार के लोग सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान को आते रहे।
अटलजी के पुरोहित का कहना था कि उनके पूर्वजों का तीर्थ नगरी से गहरा नाता रहा है। पुरोहित के पूर्वजों द्वारा दर्ज पोथी इस बात की तस्दीक भी करती है। पोथी में दर्ज जानकारी के अनुसार, यहां गंगा स्नान को अटल के पूर्वज छोटेलाल, बच्चन लाल, शिवचरण, लाल बिहारी और श्यामबिहारी भी आते रहे हैं। वाजपेयी परिवार के तमाम सदस्यों के नाम के पीछे बिहारी भी शामिल है। अटल बिहारी वाजपेयी के भाई किशन बिहारी, अवध बिहारी, अटल बिहारी, प्रेम बिहारी और एक भाई के अलावा बहन विमला देवी के नाम भी यहां पोथी में दर्ज है। पोथी में अटल बिहारी वाजपेयी की बहन विमला देवी की शादी ढाढीपुर स्थित गांव के मिश्रा परिवार के स्टेशन मास्टर से होने का भी उल्लेख है। वाजपेयी परिवार के तमाम सदस्यों के यहां गंगा स्नान का पोथी में उल्लेख है तो अंग्रेजी और ¨हदी- उर्दू में भी हस्ताक्षर हैं। तीर्थ नगरी में विसर्जित हों अस्थि-
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी का तीर्थ नगरी से गहरा लगाव रहा है। यहां के नागरिक अंतिम संस्कार के बाद जननायक की अस्थि हरिपदी गंगा में विसर्जित होता देखना चाहते हैं। सतीश भारद्वाज का कहना है कि उनकी अस्थियों को हरीपदी गंगा में प्रवाहित करना चाहिए। साहित्यकार डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित भी इसी मंशा का साकार होना देखना चाहते हैं। वे कहते हैं कि मोक्ष का द्वार हरिपदी गंगा ही है, जहां खुद भगवान वराह ने मोक्ष पाया। वे चाहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां सोरों की हरिपदी गंगा में विसर्जित होनी चाहिए। कुछ ऐसा मत दूसरे तीर्थ पुरोहितों का भी है।