जागरण अभियान--
खुसरो मांगे आजादी-- खुसरो की प्रतिमा की आजादी को तहसील ने लिखा पत्र (एक खबर और आएगी) -डीएम क
खुसरो मांगे आजादी--
खुसरो की प्रतिमा की आजादी को तहसील ने लिखा पत्र
(एक खबर और आएगी) -डीएम को पत्र भेज मांगे हैं निर्देश, साहित्यकारों में जगी उम्मीद
-एलआइयू भी हुआ सक्रिय, जुटाया जा रहा है प्रतिमा का ब्यौरा
संवाद सहयोगी, पटियाली : जागरण की मुहिम एवं साहित्यकारों की आवाज पर तहसील प्रशासन भी सक्रिय हुआ है। तीन वर्ष से मालखाने में रखी जिस प्रतिमा को लोग भूल चुके थे उसे बाहर निकालने के लिए तहसील प्रशासन ने डीएम को पत्र भेज कर निर्देश मांगे हैं। सोमवार दोपहर यह पत्र तहसील से डीएम दफ्तर भेज भी दिया। अब मुख्यालय से जवाब आने की प्रतीक्षा है। इधर साहित्यकार एवं स्वयंसेवी तैयार हैं। प्रतिमा के बाहर आने पर अमीर खुसरो के जन्मदिवस पर सम्मान सहित इसे स्थापित कराने के लिए।
27 दिसंबर को ¨हदी खड़ी बोली के आदि कवि अमीर खुसरो का जन्मदिवस है। तीन वर्ष पूर्व 2015 में उनके जन्मदिवस पर तत्कालीन डीएम सरवर अली की पहल पर उनकी प्रतिमा बनवाई गई थी, लेकिन प्रतिमा लगने से पहले कुछ कारण ऐसे बने। इसे तहसील में रखवा दिया गया। इसके बाद इस प्रतिमा को लोग भूल गए। दैनिक जागरण ने इसको लेकर बीते दिनों मुहिम शुरू की। खुसरो की प्रतिमा के तहसील के मालखाने में कैद होने की जानकारी पर जिले भर से आवाज उठी। इसके बाद में एलआइयू भी सक्रिय हो गया है तो तहसील प्रशासन ने पिछले दिनों मिले ज्ञापन के आधार पर जिला प्रशासन से इस संबंध में निर्देश मांगे हैं। तहसीलदार तिमराज सिंह यादव ने सोमवार दोपहर जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र भेजा है।
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एलआइयू जुटा रहा है जानकारी :
इधर एलआइयू की टीम भी सक्रिय हो गई है। साहित्यकारों से प्रतिमा के संबंध में जानकारी की जा रही है तो सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों एलआइयू की टीम ने प्रतिमा के सबंध में कई अन्य लोगों से जानकारी की है, ताकि रिपोर्ट ऊपर भेजी जा सके।
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अमीर खुसरो की प्रतिमा तीन वर्ष से तहसील के मालखाने में है, जो उसका स्थान नहीं है। वह देश के प्रमुख साहित्यकारों में से एक हैं। इस प्रतिमा को ससम्मान स्थापित कर प्रशासन जनभावनाओं का सम्मान करे।
-श्याम सुंदर गुप्ता
कारोबारी एवं समाजसेवी
फोटो नंबर एक
उन पर कुदरत मेहरबान थी। शायरी के साथ उन्होंने वाद्य यंत्रों का ईजाद किया। प्रशासन को उनकी प्रतिमा लगवानी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य है प्रतिमा आने के बाद उसे मालखाने में रख दिया गया। इस जन्मदिवस पर उनकी प्रतिमा को सम्मान मिलना चाहिए।
-राव मुकुल मान सिंह
वंशज राज परिवार एवं साहित्यकार
फोटो नंबर दो