हजारों ने लगाई गंगा में डुबकी
हर हर गंगे. का गूंजता रहा स्वर दान कर कमाया पुण्य लाभ
संवाद सूत्र, सोरों: शुक्रवार को कुश ग्रहणी अमावस्या पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भोर के साथ ही स्नानाíथयों ने गंगा में डुबकी लगाई। गंगा मां का पूजन कर जरूरतमंदों को दान कर पुण्य लाभ कमाया। शाम तक घाटों पर स्नानाíथयों की भीड़ लगी रही। भाद्र मास की अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है। क्योंकि इस दिन पूरे वर्ष भगवान की पूजा और श्राद्ध आदि कर्मो के लिए कुश का संग्रह किया जाता है। इस अमावस्या को कुश ग्रहणी अमावस्या कहा जाता है। मान्यता है भगवान की पूजा और अन्य धाíमक कार्यक्रमों में कुश का होना जरूरी है। अन्यथा पूजा और कर्मो का फल नहीं मिलता है। आज के दिन पितरों की पूजा करने से पितर संतुष्ट और प्रसन्न होते हैं। इस दिन किए गए दान स्नान का कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। इसी मान्यता के चलते शुक्रवार को सोरों की हरिपदी गंगा, कछला गंगा नदी, लहरा गंगा घाट व कादरगंज घाट पर सुबह से ही स्नानाíथयों की भीड़ उमड़ी। मध्यप्रदेश और राजस्थान से हजारों की संख्या में स्नानार्थी गंगा घाटों पर पहुंचे और सूरज की पहली किरण के साथ ही गंगा में डुबकी लगाकर पितरों को तर्पण किया और जरूरतमंदों को दान दिया।