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बदहाल हैं जिले की स्वास्थ्य सेवाएं

34 के सापेक्ष पर मात्र 8 चिकित्सक ही तैनात बुखार खांसी और जुखाम की ही मिलती है दवा

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 11:03 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 06:23 AM (IST)
बदहाल हैं जिले की स्वास्थ्य सेवाएं
बदहाल हैं जिले की स्वास्थ्य सेवाएं

कासगंज, जागरण संवाददाता: जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है। जिला सृजन के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जनपद वासियों की जो उम्मीदें थीं, वह एक दशक बाद भी पूरी नहीं हुई हैं। भव्य जिला अस्पताल में चिकित्सकों और सुविधाओं का टोटा है। मरीजों को अपनी बारी के इंतजार में घंटों लाइन में लगना पड़ता है।

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कासगंज को जिले का दर्जा मिलने के साथ ही सोरों रोड पर विशाल भूखंड में बने जिला अस्पताल को देखकर लोगों को उम्मीद जगी कि अब उपचार के लिए उनको बड़े शहरों की नहीं दौड़ना होगा, लेकिन यहां के लोगों की यह उम्मीद चंद वर्षाें में ही टूट गई। इसका प्रमुख कारण है कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी। अस्पताल के अखिलेखों पर गौर किया जाए तो 34 चिकित्सकों का तैनाती होनी चाहिए लेकिन वर्तमान मात्र 8 डाक्टर है। ऐसा नहीं नहीं कि स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा शासन को चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए पत्राचार नहीं किया गया हो, लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के पत्राचार पर शासन ने कोई अमल नहीं किया। शासन की इस लापरवाही का खामियाजा कासगंज की जनता को उठाना पड रहा है।

नहीं होते आपरेशन: विशाल भूंखड में बने जिला अस्पताल परिसर के अंदर आपरेशन कक्ष भी है लेकिन एक भी सर्जन चिकित्सक की तैनाती न होने के कारण आपरेशन नहीं हो पाते। आपरेशन के जो उपकरण अस्पताल में मौजूद है। वह भी प्रयोग होने के कारण खराब होते जा रहे है।

रजिस्ट्रेशन कांउटर पर लगी रहती है भीड़:जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अस्पताल खुलने से बंद होने तक लाइन लगी रहती है। मरीज हो या मरीज का तीमारदार। कांउटर पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही जब संबंधित बीमारी के चिकित्सक की तलाश करता है तो पता चलता है कि इस बीमारी का कोई डाक्टर ही अस्पताल में नहीं है। तो वह वहां से मायूस होकर निजी चिकित्सक की शरण में जाने को विवश हो जाता है।

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चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। मौजूद चिकित्सक और संसाधनों से ही मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार देने का प्रयास किया जाता है। गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को आगरा और अलीगढ रैफर करना मजबूरी है।

- राज किशोर सीएमएस

जिला चिकित्सालय


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