कासगंज में गोविंदाचार्य बोलें, गोमाता को आर्थिक आधार पर करें प्रतिष्ठित
सोरों में गोविंदाचार्य ने किए वराह भगवान के दर्शन एवं गंगा पूजन। प्रबुद्धजनों संग बैठक आत्मनिर्भर में आत्म का करें गहरा विश्लेषण।
कासगंज, जेएनएन। भाजपा के पूर्व अखिल भारतीय महामंत्री संगठन गोविंदाचार्य गुरुवार को सोरों पहुंचे। प्रुबद्धजनों के साथ में बैठक कर उन्होंने स्वदेशी पर जोर देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर में हमें ‘आत्म’ शब्द का गहनता से विश्लेषण करना होगा।
संघ एवं अभाविप में कई प्रमुख पदों पर रहे गोविंदाचार्य वर्तमान में राष्ट्रीय स्वाभिमान फाउंडेशन के संरक्षक हैं।ऋषिकेश से गंगा सागर तक अध्ययन यात्रा पर निकले गोविंदाचार्य गुरुवार को कासगंज में पहुंचे तो कासगंज में ज्ञान तिवारी ने स्वागत किया। सोरों में पहुंच कर उन्होंने भगवान वराह के दर्शन किए। इसके बाद वराह घाट पर ही हरिपदी गंगा का पूजन किया।
प्रबुद्धजनों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पहले यात्रा की थी, उस वक्त गढ़ गंगाजी होकर गया था इस बार तय किया था सोरों होकर जाऊंगा। गोमाता एवं पृथ्वी माता को एक दूसरे का पूरक बताते हुए कहा कि गोमाता को आर्थिक आधार पर प्रतिष्ठापित करना होगा। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा भारत का आधार धर्म एवं संस्कृति है। गंगा को स्वच्छ रखने की सीख दी। स्वाभिमान फाउंडेशन राष्ट्रीय संयोजक पवन श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल ने फिर से जीने का तरीका सिखाया है।
मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञान तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी एवं संयोजक संपूर्णानंद भारद्वाज मौजूद थे। इस अवसर पर बृजेश उपाध्याय, संजय दुबे, यशोधर रावत, नवल कुलश्रेष्ठ, हेमेंद्र शास्त्री, डॉ. रविकांत गुप्ता, कृष्णकांत वशिष्ठ, सुरेश पटियाल, विवेक महेरे आदि उपस्थित थे।
भूस्खलन के कारण बदला रास्ता
गोविंदाचार्य की अध्ययन यात्रा देव प्रयाग से आरंभ होनी थी लेकिन उत्तराखंड में हुए भूस्खलन के कारण यात्रा के आरंभ स्थल को अंतिम समय में बदल दिया गया। इसके बाद यात्रा को ऋषिकेश से आरंभ किया गया।