प्रदर्शनकारियों की आवाज दबा रही सरकार
सरकार की किसान विरोधी नीतियों एवं दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों
कासगंज, जागरण संवाददाता: सरकार की किसान विरोधी नीतियों एवं दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने पर राष्ट्रीय लोक दल ने विरोध प्रदर्शन किया। एसडीएम को ज्ञापन देकर किसान विरोधी कानूनों में परिवर्तन किए जाने और दिल्ली में किसानों के साथ हो रही बर्बरता के दोषियों को दंडित किए जाने की मांग की।
तहसील परिसर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष शमीम अहमद अल्वी ने कहा कि कृषि प्रधान देश में किसानों की दुर्दशा हो रही है। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस आंसू गैस और पानी की बौछार छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। किसानों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। सरकार को किसान विरोधी कृषि विधयेक वापस लेना चाहिए। अफजल अब्बासी, अंजुम रूमानी, अजब सिंह वर्मा आदि वक्ताओं ने सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। राष्ट्रपति को संबोधित तीन सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम ललित कुमार को दिया। इस अवसर पर रशीद अहमद, साहबुद्दीन, शमशुद्दीन, केएम गजनवी, हनीफ सैफी, सूर्यकांत वर्मा, नसीब खान, जावेद अंसारी, शकील अहमद, कसीक, महाराज सिंह, वसीम सैफी, जाहिद खां, उम्मीद, तनवीर, रामबाबू, इकबाल गाजी, योगेश कुमार मौजूद रहे।
कूड़े के ढेर पर फेंका नवजात: कासगंज शहर से सटे गांव किलोनी रफातपुर में प्रसूता ने नवजात को कूड़े के ढेर में फेंक दिया। लोगों ने जब बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो मौके पर एकत्रित हुए। ग्रामीणों में से एक दंपती ने नवजात के पालन पोषण की जिम्मेदारी ली है। लावारिस नवजात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं थीं।
गांव किलोनी में बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने घूरे के ढेर से नवजात के रोने की आवाज सुनी तो कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे देखा तो घूरे के ढेर पर नवजात पड़ा रो रहा है। जब यह खबर गांव में फैली तो बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए और नवजात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं करने लगे। इसी बीच गांव के राजवीर ने बच्चा गोद में उठा लिया और उसे पालने का संकल्प लिया।