लहरों ने चीरा किनारों का सीना
उफनती गंगा हर रोज बढा रही दुश्वारियां पानी की तीव्रता बढ़ा रही कटान का खतरा
जागरण संवाददाता, कासगंज: गंगा ने रौद्र रूप धारण किया है, तो वह मचलती लहरों ने किनारों का सीना चीर दिया है। उफनती गंगा हर रोज दुश्वारियां बढ़ा रही है। पानी की तीव्रता से कटान का खतरा भी बढ़ा हुआ है। ¨सचाई विभाग सतर्कता करते हुए निगरानी कर रहा है। फिलहाल कटान की शिकायत नहीं मिली है।
गंगा नदी पिछले कई दिनों से से उफान पर है। पानी का स्तर बैराजों से फिलहाल स्थिर कर दिया गया है, लेकिन किनारों का सीना चीरकर फसलों तक पहुंचा गंगा का पानी खेतों में जमा हो गया है। पशुओं के हरे चारे की समस्या खड़ी हो गई है। आम जनमानस परेशान हो गया है। गंगा किनारे के गांव के ग्रामीणों में पूरी तरह खलबली मची हुई है। तराई का इलाका फिलहाल परेशान नजर आ रहा है। जिला प्रशासन भी कड़ी निगरानी कर रहा है। जिस तरह खेतों के साथ साथ कई ग्रामों में भरा पानी जमा हो गया है। उससे तो अब बीमारियां बढ़ना तय माना जा रहा है। जिलाधिकारी आरपी ¨सह ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि काम के प्रति लापरवाही न बरते और बाढ़ग्रस्त इलाकों में निगरानी बनाए रहे। ¨सचाई विभाग को भी प्रतिदिन सुबह शाम रिपोर्ट देनी होगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर बैराजों के अधिकारी भी अपनी रिपोर्ट दिन में तीन बार भेज रहे हैं। पानी का स्तर बढ़ने के बाद अब स्थिर हो गया है। उससे माना जा रहा है कि ओवरफ्लो हुई गंगा अब की कटान की ओर बढ़ सकती है। पटियाली तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक खतरा बना हुआ है।
नहीं मिलता मुआवजा
बाढ़ ग्रस्त इलाके के किसान रामधारी ¨सह और हरिशंकर ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है। फसलें बर्बाद हो जाती हैं, लेकिन प्रशासन 25 फीसद से ज्यादा नुकसान नहीं दिखाता। ऐसे में किसान बर्बाद होने के बाद भी मुआवजे के पात्र नहीं रहते। इस बार भी गंगा तबाही के संकेत दे रही है ।प्रशासन को चाहिए कि शुरूआत से ही फसली नुकसान के आकलन की रिपोर्ट तैयार कराए।
पानी का डिस्चार्ज
बिजनौर से 50000, हरिद्वार से 67000 और नरोरा बैराज से 142000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कछला गंगा नदी पर पानी 163.55 मीटर पर है । मीटर गेज अभी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल कछला पुल पर कोई खतरा नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग सतर्क
स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है सतर्कता बरत जा रही है। रोगों की जानकारी अभी नहीं है और न ही कोई रोग फैला है। फिर भी निगरानी की जा रही है । कोई जानकारी मिलती है, टीम पहुंचेगी। नरेंद्र कुमार, सीएमओ नहीं है कटान
कटान नहीं हो रहा है। फिर भी संभावना को देखते हुए निगरानी की जा रही है। विभागीय अधिकारियों की टीम तराई क्षेत्र में निरीक्षण कर रही है। -एके ¨सह, सहायक अभियंता ¨सचाई
पशुओं के चारे की समस्या से जूझ रहे पालक-
गंगा में आई बाढ़ का पानी खेतों और आबादी में घुस जाने से तटवर्तीय गांवों में पशु चारे की किल्लत हो गई है। पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, चारे के लिये आस पास के ग्रामों पर निर्भर हो गए हैं। बीते कई दिनों से गंगा में आई बाढ़ का पानी पटियाली, सोरों, नगला हंसी, जय किसन नगला, जाटवनगर, हीरा नगला खन्ना नगला, दुर्जन नगला सहित आधा दर्जन से अधिक ग्रामों में आबादी की ओर बढ़ चुका है, यहां किसानों की दुश्वारियां तो बड़ी है, साथ ही पशुओं के चारे की किल्लत हो गई है। खेतों में पानी भर जाने से पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है। हरे चारे की किल्लत के साथ भूसे की भी समस्या कई गांवों में हो गई है। भूसे की भुर्जी भी बाढ़ के पानी से भीग गई है।