किसानों ने गंजडुंडवारा कोतवाली का किया घेराव, दिया ज्ञापन
कासगंज जागरण टीम शनिवार को भारतीय किसान यूनियन स्वराज के प्रदेश प्रभारी के नेतृत्व में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में गंजडुंडवारा कोतवाली का घेराव किया।
कासगंज, जागरण टीम : शनिवार को भारतीय किसान यूनियन स्वराज के प्रदेश प्रभारी के नेतृत्व में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में गंजडुंडवारा कोतवाली का घेराव किया। किसानों ने कोतवाली में जमकर नारेबाजी की। चार सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति के नाम सीओ एवं एसडीएम को सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी आशीष पांडेय के नेतृत्व में किसान गंजडुंडवारा कोतवाली पहुंच गए। जमकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। इंस्पेक्टर अनूप कुमार भारतीय के समझाने-बुझाने के बाद भी भाकियू के कार्यकर्ता नहीं माने। इसके बाद इसकी सूचना कोतवाली प्रभारी ने एसडीएम एवं सीओ को दी। एसडीएम रवेंद्र कुमार और सीओ आरके तिवारी ने मौके पहुंचकर कर किसानों को समझाया-बुझाया। इसके बाद किसान नेता मानें। जिला प्रभारी ने चार सूत्रीय ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द संबोधित एसडीएम रवेंद्र कुमार एवं सीओ आरके तिवारी को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि कृषि कानूनों को सरकार वापस ले। एमएसपी रेट एवं खरीद दोनों पर बाध्यकारी कानून बनाए जाए, किसानों का एकमुश्त केसीसी कर्जा माफ किए जाने एवं विद्युत बिल अधिनियम 2020 को खत्म किए जाने की मांग की। जिला प्रभारी सुधीर मिश्रा, अकरम सिद्दीकी, श्रीपाल वैध, शिवम उपाध्याय, आर्येंद्र यादव, गिरीश चंद्र मिश्र, योगेंद्र यादव सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। तहसील सहावर में भाकियू टिकैत ने एसडीएम को दिया ज्ञापन
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष संजय प्रजापति ने किसानों एवं कार्यकर्ताओं के साथ तहसील सहावर में पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम रामाकांत को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि लखीमपुर की घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा लिया जाए और उनको षडयंत्र रचने के मामले में गिरफ्तार किया जाए। प्रदेश सरकार अभी तक धान के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रदेश में साइड नहीं खोल गई। किसानों के धान बिक्री के लिए सरकार जल्द से जल्द साइड खोले। कृषि कानून वापस लिए जाएं। सुगढ़ सिंह, यशपाल सिंह, राकेश कुमार, देशराज सिंह, रामराज, फिरोज खान, लोकपाल सिंह, ज्ञानेंद्र कश्यप, राकेश चतुर्वेदी मौजूद रहे।