फर्जीवाड़े में टूटे गरीब बेटियों के ख्वाब
दर्द बताते-बताते बिलख पड़ी बेटियां कौन भरेगा साल का हर्जाना फेल होने के बाद भी साल भर अगली कक्षा की करती रहीं पढ़ाई
कासगंज, जागरण संवाददाता। अंकतालिका के फर्जीवाड़े ने कई गरीब बेटियों के ख्वाब चकनाचूर कर दिए। कॉलेज गेट पर फर्जी अंकतालिका एवं प्रवेश पत्र हाथ में थामे खड़ी बेटियों में कोई गरीब मजदूर की बेटी थी तो कोई किसान की। किसी तरह से इनके माता-पिता ने हजारों रुपये फीस भरी। पहले साल 5500 रुपये जमा किए तो दूसरे वर्ष छह हजार। प्रयोगात्मक परीक्षा की फीस अलग से। उम्मीद थी बेटियां पढ़ेंगी तो परिवार को सहारा देंगी, लेकिन अंकतालिकाओं की हकीकत सामने आई तो सपने भी टूट कर बिखर गए।
दिव्यांग हैं पिता, मां ने किसी तरह भरी थी फीस : कॉलेज गेट पर मां के साथ खड़ी अंजलि चौहान अपनी अंकतालिका दिखाते हुए बोली 'मैं क्या करूं। पिता मनोज दिव्यांग हैं। मैं इकलौती बेटी हूं। माता-पिता के कई ख्वाब थे। जो पूरे करने के लिए मन लगाकर पढ़ाई की। मां ने किसी तरह फीस जमा की, लेकिन अब कुछ समझ में नहीं आ रहा है।' जब कासगंज पुलिस की गाड़ी आई तो अंजली और उसकी मां भी पुलिस के पास पहुंच गई, कैसे भी बेटी की साल बच जाए। हर किसी से बस एक ही सवाल था 'अब क्या होगा।'
छात्राओं का दर्द
'हमने मन लगाकर पढ़ाई की थी। हमें तो यह भी नहीं पता था अंकतालिका फर्जी हैं। परीक्षा में भी बैठे। अंतिम परीक्षा में हमसे कह दिया कि तुम्हारा पेपर नहीं होगा।'
-ललिता 'फर्स्ट ईयर में 5500 रुपये फीस भरी थी। सेकंड ईयर में फीस भरने के बाद क्लास भी दी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि परीक्षा फिर से होंगी।'
-अनु वर्मा
प्राचार्य की बात
'कॉलेज को मार्च में बच्चों के फेल होने की जानकारी मिली। कॉलेज की लॉगिन पर पास की मार्कशीट आई थी। इस पूरे मामले में एक लिपिक अरुण की संलिप्तता सामने आई है, जो कॉलेज की फीस लेकर उसके बाद से फरार है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सोमवार को भी हम सभी दस्तावेजों के साथ विवि आए हैं, छात्र हित में जो भी हो सकता है, वो किया जाएगा।'
-़डॉ.गोविद कुमार
प्राचार्य
एमआर डिग्री कॉलेज