एनएमसी बिल के विरोध में हड़ताल पर रहे चिकित्सक
एनएमसी बिल के विरोध में चिकित्सक हड़ताल पर रहे।
जासं, कासगंज: नेशनल मेडीकल कमीशन बिल के विरोध में आइएमए के आहवान पर शहर के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक बंद रखे और बैठक कर विरोध जताया। चिकित्सकों ने निर्णय लिया कि यदि यह बिल पास होता है तो चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते नगर के निजी क्लीनिक और चिकित्सालय बंद रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. अजय गोविल ने कहा कि नेशनल मेडीकल कमीशन पूरी तरह अलोकतांत्रिक, गरीब विरोधी, संघीय विरोधी है। इस बिल से भारत सरकार की मंशा समस्त अधिकारियों को केंद्रीयकृत करने की है। डॉ. अखलेश चंद्र गौड़ ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए एमसीआई को समाप्त कर राष्ट्र चिकित्सा आयोग का गठन पूर्णत: अलोकतांत्रिक है।राष्ट्र चिकित्सा का प्रतिनिधित्व पूर्ण रूप से हाशिए पर कर दिया गया है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा स्नातकोत्तर नीट परीक्षा में सामाजिक, आíथक कमजोर वर्ग के छात्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। एग्जिट टेस्ट के रूप में अंतिम एमबीबीएस परीक्षा का उपयोग विभिन्न कारणों से गरीब और पिछड़े समुदायों के छात्रों के लिए दुष्कर होगा। उन्होंने कहा कि यदि बिल पास होता है तो आईएमए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर डा. एमके गुप्ता, डा. मृदुल जाजू, डा. प्रवीन अग्रवाल, अनिल सेठ, आशीष गुप्ता, संदीप गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, राजकुमार माहेश्वरी, सिद्धार्थ गोविल, प्रवेश माहेश्वरी सहित नगर के सभी चिकित्सक मौजूद रहे।
हड़ताल से हुई परेशानी: नेशनल मेडीकल कमीशन बिल के विरोध में शनिवार को चिकित्सकों की हड़ताल के चलते निजी चिकित्सालय और क्लीनिक बंद होने से रोगियों व तीमारदारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रोगियों ने झोलाछापों का सहारा लिया। हड़ताल के कारण जिला चिकित्सालय और स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों की अधिक भीड़ रही।