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ठंड पर भारी पड़ी श्रद्धा, उमड़ी भीड़

गंगा घाटों पर गूंजे हर-हर गंगे के स्वर हजारों ने लगाई गंगा में डुबकी, कमाया पुण्य लाभ

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 09:54 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 09:54 PM (IST)
ठंड पर भारी पड़ी श्रद्धा, उमड़ी भीड़
ठंड पर भारी पड़ी श्रद्धा, उमड़ी भीड़

कासगंज, जागरण संवाददाता। मौनी अमावस्या पर हरिपदी गंगा, लहरा और कछला गंगा नदी पर स्नानार्थियों ने स्नान कर पुण्य कमाया। पूर्व संध्या से ही श्रद्धालुओं का घाटों पर पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। अमावस्या की भोर कड़कड़ाती सर्दी और कोहरे की परवाह करे बगैर श्रद्धालुओं ने स्नान किया और जरूतमंदों को दान देकर पुण्य लाभ कमाया।

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माघ मास कृष्ण पक्ष पर पड़ने वाली अमावस्या मौनी अमावस्या कही जाती है। मौनी अमावस्या और सोमवती अमावस्या एक साथ पड़ने से यह अमावस्या अति महत्वपूर्ण मानी गई। मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने का विधान है और गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसी मान्यता के चलते श्रद्धालुओं ने मौन रहकर गंगा में स्नान किया। रविवार को घने कोहरे और कड़कड़ाती ठंड के बावजूद भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके। हजारों की संख्या में सोरों, कछला और लहरा घाट पहुंचकर राजस्थान, मध्यप्रदेश के स्नानार्थियों ने गंगा में डुबकी लगाई। भोर के साथ शुरू हुआ गंगा स्नान का क्रम देर शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद गंगा माता का पूजन किया। जरूरतमंदों कुष्ठ रोगियों को भोजन कराया। दान दक्षिणा देकर पुण्य लाभ कमाया।

धाíमक अनुष्ठान कर किए ¨पडदान

सोमवती और मौनी अमावस्या पर तमाम स्नार्निथयों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए घाट पर धाíमक अनुष्ठान कर ¨पडदान किया और पितरों को जल अर्पण किया। तमाम लोगों ने अपना मुंडन कराकर पितरों को बाल दिए।

जाम से जूझे यात्री, निगम की बसों का रह टोटा

अमावस्या पर गंगा स्नानार्थियों के वाहनों के दबाव से कासगंज, सोरों और सोरों कछला मार्ग पर जाम के हालात रहे। जाम के चलते यात्रियों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस को भी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं निगम की बसों का अभाव रहने से गंगा घाटों तक जाने के लिए यात्रियों को बस स्टैंड पर घंटों बसों काइंतजार करना पड़ा। बस न मिलने पर उन्हें डग्गेमार वाहनों के सहारे रहना पड़ा।


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