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कोहरे में हादसों का कारण बनेंगे हाइवे पर विचरण करते बेसहारा पशु

कासगंज संवाद सहयोगी कासगंज-बरेली हाइवे बेसहारा पशुओं का आरामगाह बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 05:32 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 05:32 AM (IST)
कोहरे में हादसों का कारण बनेंगे हाइवे पर विचरण करते बेसहारा पशु
कोहरे में हादसों का कारण बनेंगे हाइवे पर विचरण करते बेसहारा पशु

कासगंज, संवाद सहयोगी : कासगंज-बरेली हाइवे बेसहारा पशुओं का आरामगाह बना हुआ है। यहां दिनभर बेसहारा पशु विचरण करते रहते हैं। अब जबकि सर्दी का मौसम धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। कोहरा भी पड़ने लगा है। ऐसे में हाइवे पर विचरण करते आवारा पशु वाहन चालकों के लिए समस्या ही नहीं बल्कि हादसों का भी कारण बनेंगे।

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कासगंज-बरेली हाईवे पर बेसहारा पशुओं को विचरण करते और आराम फरमाते देखा जा सकता है। आएदिन इन पशुओं के कारण सड़क हादसे होते हैं। विशेषकर तेज रफ्तार दो पहिया वाहन हादसों का शिकार हो जाते हैं। सर्दी धीर-धीरे बढ़ने लगी है, कोहरा भी पड़ने लगा है। आने वाले दिनों में तेज सर्दी के साथ-साथ घना कोहरा भी पड़ेगा। ऐसे में हाइवे पर विचरण करते ये बेसहारा पशु वाहन चालकों के लिए समस्या बनेंगे और हादसों का कारण भी बनेंगे। जिम्मेदार विभाग इन बेसहारा पशुओं को संरक्षण केंद्र में पहुंचाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। यदि जिम्मेदार संजीदा हो जाएं और बेसहारा पशुओं को संरक्षण केंद्र तक पहुंचा दे तो कोहरे में हाइवे पर विचरण करने वाले पशुओं से होने वाले हादसे रुक सकेंगे। नवंबर में बेसहारा पशुओं से हुए हादसे

- छह नवंबर को शहर के मुहल्ला नवाब निवासी फकीर मोहम्मद की बाइक के सामने पशु आने से वह गंभीर रूप से घायल हुए।

- 11 नवंबर मामों के निकट बाइक सवार दंपती राजेंद्र एवं उनकी पत्नी वीरवती निवासी बदायूं की बाइक पशु से भिड़ने के कारण घायल हो गए।

- 14 नवंबर को गांव लुहर्रा निवासी पीयूष कासगंज से गांव जा रहा था पशु को बचाने के प्रयास में बाइक फिसल गई। इससे वह घायल हो गया।

- 21 नवंबर को शहर के मुहल्ला जय-जय राम निवासी विजय अपनी मां को लेकर अस्पताल जा रहा था कि गोवंश के सामने आने से बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई। विजय की मां मीरा देवी घायल हो गईं। बेसहरा पशुओं को निरंतर पकड़वाकर गोसंरक्षण केंद्रों में भेजा जा रहा है। हाइवे के किनारे बसे गांव के पशुपालक दिन में अपने पशुओं छोड़ देते हैं। उन्हें पकड़कर संरक्षण केंद्र नहीं भेजा जा सकता। पशुपालकों से पशुओं को न छोड़ने का आग्रह किया जाएगा।

- एके सागर, सीवीओ


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