खाकी ने खड़े किए हाथ, बगैर लड़े लौटीं महिला पहलवान
-नेपाल, पंजाब से आई पहलवानों ने रविवार को दी थी खुली चुनौती,पुलिस सुरक्षा व्यवस्था नहीं कर पाई। इसलिए दंगल निरस्त कर दिया गया। -त्योहार पर सुर
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-नेपाल, पंजाब से आई पहलवानों ने रविवार को दी थी खुली चुनौती
-त्योहार पर सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने नहीं दी दंगल की अनुमति
जागरण संवाददाता, पटियाली : ग्राम म्याऊ में बीते चार दिन से चल रहा दंगल सोमवार को नहीं हो सका। रविवार को अखाड़े में आकर खुली चुनौती देने वाली महिला पहलवानों की कुश्ती देखने के लिए लोगों में उत्साह था, लेकिन सोमवार को धनतेरस पर पुलिस फोर्स की व्यस्तता का हवाला देते हुए थाना पुलिस ने सुरक्षा के इंतजामों से हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में महिला पहलवानों को बगैर कुश्ती लड़े लौटना पड़ा। चेहल्लुम के पर्व पर एक नवंबर से म्याऊ में दंगल चल रहा था। सोमवार को दंगल के पांचवे दिन यहां महिला पहलवानों की कुश्ती होनी थी। रविवार को कुश्ती के दौरान महिला पहलवानों ने खुली चुनौती देते हुए पुरुष पहलवानों को भी लड़ने के लिए आमंत्रित किया था। हरियाणा से आई अर्चना, पंजाब की रीना, नेपाल से आई नेहा के ऐलान के बाद इस कुश्ती को लेकर क्षेत्रीयजनों के साथ में आसपास के ग्रामीणों में भी विशेष उत्साह था। इधर, सुरक्षा की कमान संभाल रहे थाना सिकन्दरपुर वैश्य प्रभारी पहलवान ¨सह ने सोमवार को धनतेरस त्यौहार पर पुलिस बल की अन्यत्र ड्यूटी का हवाला देते हुए दंगल स्थगन की घोषणा करा दी। इस घोषणा के बाद में दंगल में आए राज्य स्तरीय पहलवान कलियर के जावेद मुहम्मद, नेपाल के बसंत थापा, राजस्थान के काशीराम, पंजाब के बग्गा आदि वापस लौट गए। वहीं इन पहलवानों के जाने के बाद महिला पहलवान भी वापस लौट गई। थानाध्यक्ष पहलवान सिंह का कहना है धनतेरस पर्व पर थाना क्षेत्र में कई जगह पुलिस बल की तैनाती है। ऐसे में दंगल में सुरक्षा की व्यवस्था न होने की बात आयोजकों से की, जिस पर दंगल को दो दिन पहले ही समाप्त करने की उन्होंने घोषणा कर दी। सुरक्षा के लिए पुलिस बल नहीं मिल रहा था। ऐसे में दंगल को दो दिन पहले ही समाप्त करना पड़ा। कव्वाली का आयोजन सात नवंबर की रात आठ बजे से होगा।
अरशद खान
दंगल आयोजक एवं पूर्व प्रधान