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प्रभावी कार्रवाई न होने से बढ़ रहा जिले में साइबर क्राइम

कासगंज संवाद सहयोगी साइबर क्राइम के माहिर रोज नए तरीके अपना कर लोगों को ठग रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 05:01 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 05:01 AM (IST)
प्रभावी कार्रवाई न होने से बढ़ रहा जिले में साइबर क्राइम
प्रभावी कार्रवाई न होने से बढ़ रहा जिले में साइबर क्राइम

कासगंज, संवाद सहयोगी : साइबर क्राइम के माहिर रोज नए तरीके अपना कर लोगों को ठग रहे हैं। लोगों की गाढ़ी कमाई खातों से गायब हो रही है। साइबर क्राइम के मामलों में प्रभावी कार्रवाई न होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।

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प्रतिदिन साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं। इनमें से गिनेचुने मामले ही पुलिस तक पहुंच पाते हैं। तमाम लोग साइबर क्राइम के शिकार होने के बावजूद भी चुप होकर घर बैठ जाते हैं और भविष्य में सतर्कता बरतते हैं। अपराध दर्ज करने के बावजदू भी पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाती है। कुछ मामलों में पुलिस की साइबर सेल के माध्यम से लोगों की ठगी गई रकम वापस भी दिलाई गई है। तमाम मामले लंबे समय से पुलिस की फाइलों में दबे हैं। पीड़ित न्याय की राह देख रहे हैं, लेकिन न्याय नहीं मिल पा रहा है। पीड़ित पुलिस और साइबर सेल के चक्कर लगाकर थक गए हैं। तमाम ऐसे भी पीड़ित हैं, जिनके मामले पुलिस ने दर्ज भी नहीं किए हैं। केस नंबर एक

शहर के मुहल्ला जय-जय राम निवासी अभिषेक के खाते से लगभग 50 हजार रुपये फ्राड हुआ। उसके खाते से लगभग 50 हजार रुपये निकाल लिए गए। सूचना साइबर सेल में पंजीकृत कराई गई, लेकिन लगभग तीन माह बीतने के बाद भी नतीजा ढाक के तीन पात है। केस नंबर दो

शहर के महाराणा प्रताप कालोनी निवासी आदित्य दरगढ़ के क्रेडिट कार्ड से 47 हजार रुपये का फ्राड किया गया। अक्टूबर माह में साइबर क्राइम के शिकार हुए आदित्य ने साइबर सेल और पुलिस को सूचना दी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। केस नंबर तीन

शहर की नई हवेली स्थित श्रीजी ट्रेडर्स के स्वामी अजय कुमार के खाते से तीन लाख 32 हजार रुपये बीती 24 अप्रैल को फ्राड कर निकाले गए हैं। इस मामले में अजय कुमार ने कोतवाली पुलिस को तहरीर भी दी है। आंकड़ों की नजर में

- साइबर क्राइम के कुल पंजीकृत मामले 17

- निस्तारण कर धनराशि वापस कराए गए मामले 11

- साइबर क्राइम के मामले में गिरफ्तार 00

यह बरतें सावधानी

- किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक संबंधी जानकारी न दें

- एटीएम कार्ड का कोड नंबर न बताएं, खाते का भी नंबर न दें

- फोन पर अपरिचित व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिक आदि को न खोले

- बैंक अधिकारी बनकर कोई फोन करे तो उसे बैंक संबंधी जानकारी न दें

- किसी प्रलोभन में न आएं। प्रलोभन देने वाला साइबर ठग हो सकता है साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर सेल सक्रिय है। कुल 17 मामले पंजीकृत हैं। 11 मामलों का निस्तारण हो चुका है। भले ही आरोपियों की गिरफ्तारी न हुई हो।

- बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी


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